क्रिकेट को दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन में शामिल करने को लेकर अक्सर चर्चाएं होती रहती हैं. हालांकि क्रिकेट लंबे समय तक सिर्फ टेस्ट और वनडे फॉर्मेट में खेले जाने वाले इस स्पोर्ट में लगने वाले समय को देखते हुए इसे ओलंपिक जैसे बड़े इवेंट के लिए फिट नहीं माना जाता रहा है, लेकिन इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कप्तान ऑयन मॉर्गन का मानना है कि टी10 का नया फॉर्मेट ओलंपिक में क्रिकेट को ओलंपिक में जगह दिलाने में मदद कर सकता है.
आधुनिक वक्त में क्रिकेट कभी भी ओलंपिक का हिस्सा नहीं रहा. हालांकि 1900 में हुए ओलंपिक में सिर्फ एक मैच ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस की टीम के बीच हुआ था, जिसे ब्रिटेन ने जीत लिया था. 1998 के कॉमनवेल्थ खेलों में जरूर इसे शामिल किया गया था, जहां साउथ अफ्रीका ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया था. टी20 फॉर्मेट की शुरुआत के बाद उम्मीद जगी थी कि इस खेल को फिर बड़े स्पोर्टिंग इवेंट्स में जगह मिलेगी, लेकिन डोपिंग कोड जैसे कुछ कारणों के चलते इसे इजाजत नहीं मिली. अब पिछले 2-3 सालों में सिर्फ 10 ओवरों के फॉर्मेट की शुरुआत ने एक बार फिर इस चर्चा को जोर दे दिया है.
इंग्लैंड को पहली बार वनडे क्रिकेट में वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले कप्तान मॉर्गन का मानना है कि ये नया फॉर्मेट इस दिशा में अहम साबित हो सकता है. मंगलवार 5 मई को अबू धाबी टी10 लीग के लॉन्च के मौके पर कहा, "टी10 क्रिकेट की एक बात जो तीनों फॉर्मेट के मुकाबले इसे ओलंपिक और कॉमनवेल्थ के लिए अपीलिंग बनाती है वो ये है कि पूरा टूर्नामेंट सिर्फ 10 दिनों में खत्म हो सकता है." ईएसपीन क्रिकइंफो ने मॉर्गन के हवाले से बताया कि इतने कम समय में पूरे टूर्नामेंट के आयोजन से क्रिकेट को बड़े स्तर पर एक्सपोजर भी मिलेगा, जो खेल के लिए अच्छा होगा. फिलहाल कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन ने 2022 के बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में महिलाओं के टी20 क्रिकेट को शामिल किया है.
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