मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पेश किए वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट के लिए सबसे अधिक पैसा केंद्रीय ग्रांट से जुटाया जा सकता है।इसके साथ ही 55 प्रतिशत पैसा ग्रांट-इन-एड से मिल सकता है । 13 फीसदी पैसा केंद्रीय करों से प्राप्त होगा। 19 फीसदी पैसा राज्य कर से मिलेगा। पांच फीसदी बजट कर रहित राजस्व से जुटाया जाएगा। लोगों को दिए गए कर्ज से 16 प्रतिशत बजट जुटाया जाएगा। जमा और अग्रिम से 3 प्रतिशत पैसा आ सकता है । इसी तरह से व्यय की बात की जाये तो सामान्य सेवाओं पर 31 प्रतिशत, सामाजिक सेवाओं पर भी 31 प्रतिशत, आर्थिक सेवाओं पर 15 प्रतिशत, ग्रांट-इन-एड पर एक प्रतिशत, पूंजीगत व्यय पर 13 प्रतिशत और लोकऋण पर सात प्रतिशत बजट खर्चा जाएगा। इसके साथ ही वर्ष 2020-21 के बजट अनुमानों के अनुसार 47,318.58 करोड़ रुपये व्यय है तो आय 49,130.84 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
किस विभाग पर कितना फीसदी बजट खर्च होगा
शिक्षा विभाग पर 17 प्रतिशत, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग पर छह प्रतिशत, ग्रामीण विकास विभाग पर चार प्रतिशत, कृषि पर तीन, लोक निर्माण विभाग में रास्तों-पुलों पर नौ प्रतिशत, जलापूर्ति एवं सफाई पर पांच प्रतिशत, सामाजिक कल्याण सेवाओं पर तीन प्रतिशत, पेंशन पर 15 प्रतिशत, ब्याज अदायगी पर 10 प्रतिशत, ऋण अदायगी पर सात और अन्य पर 21 फीसदी बजट खर्च किया जा सकता है ।
हिमाचल पर चढ़ेगा 61,302 रुपये का कर्ज
चालू वित्त वर्ष के अंत यानी 31 मार्च 2020 तक हिमाचल पर 55,842 करोड़ रुपये कर्ज चढ़ रहा है। वहीं अगले वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंत तक यानी 31 मार्च 2021 तक हिमाचल पर 61,302 रुपये का कर्ज चढ़ जाएगा। सरकार 5460 करोड़ रुपये के नए ऋण ले सकती है
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