माँ और नाना रहे सीएम..! लेकिन अपना पहला चुनाव हार गईं इल्तिजा मुफ़्ती

माँ और नाना रहे सीएम..! लेकिन अपना पहला चुनाव हार गईं इल्तिजा मुफ़्ती
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श्रीनगर: आज मंगलवार, (8 अक्टूबर 2024) को हुए हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आ गए हैं। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन ने बहुमत हासिल कर लिया है। यह चुनाव परिणाम जम्मू-कश्मीर की राजनीति में अब तक प्रभावी रहे दो प्रमुख राजनीतिक परिवारों, अब्दुल्लाह और मुफ्ती परिवारों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ। तीन पीढ़ियों से अब्दुल्लाह परिवार सत्ता में रहा है, वहीं मुफ्ती परिवार ने भी बाप-बेटी के रूप में राज्य की बागडोर संभाली है। हालांकि, इस बार मुफ्ती परिवार की तीसरी पीढ़ी को बड़ा झटका लगा है।

महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती, जो पहली बार बिजबिहारा-श्रीगुफवाड़ा सीट से PDP के टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद के हाथों हार गईं। बशीर अहमद ने उन्हें 9770 वोटों के अंतर से हराया। यह इल्तिजा का पहला चुनाव था, और मुफ्ती परिवार से वह अकेली उम्मीदवार थीं। अपनी हार स्वीकार करते हुए इल्तिजा ने ट्विटर पर लिखा, “मैं जनता के फैसले को स्वीकार करती हूँ। बिजबिहारा के लोगों से मुझे जो स्नेह और प्यार मिला है, वह मेरे साथ रहेगा। मैं सभी पीडीपी कार्यकर्ताओं की आभारी हूँ जिन्होंने इस चुनाव में कड़ी मेहनत की।”

इस बार के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन 40 से ज्यादा सीटों पर विजयी हुआ, जबकि पीडीपी मात्र 4 सीटों पर सिमट गई। पीडीपी के लिए यह चुनाव अपनी राजनीतिक पहचान बनाए रखने की एक कोशिश थी, लेकिन इस चुनाव में पार्टी की स्थिति काफी कमजोर नजर आई। इसके साथ ही, इल्तिजा मुफ्ती की हार ने मुफ्ती परिवार की राजनीतिक साख पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इल्तिजा मुफ्ती का जन्म 1987 में हुआ था। उनके पिता जावेद इकबाल शाह लेखक और राजनीतिक विश्लेषक हैं, जो कुछ समय तक नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य भी रहे थे। इल्तिजा का उपनाम ‘सना’ है। शुरुआती शिक्षा कश्मीर में लेने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में ऑनर्स की डिग्री ली और फिर इंग्लैंड के वारविक विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मास्टर डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने लंदन और ऑस्ट्रेलिया-भारत के एक संस्थान में भी काम किया।

 

सितंबर 2022 में इल्तिजा ने राजनीति में प्रवेश करने से इनकार कर दिया था, लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि भविष्य की बात कोई नहीं जान सकता। उन्होंने जम्मू में एक सम्मेलन के दौरान कहा था कि वर्तमान स्थिति में, जहाँ पत्रकारों को दबाया जा रहा है, वह राजनीति में नहीं आना चाहतीं। इल्तिजा मुफ्ती इस साल की शुरुआत में अपने पासपोर्ट के नवीनीकरण के मामले में चर्चा में आई थीं। पासपोर्ट नहीं मिलने पर उन्होंने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उन्हें अप्रैल में पासपोर्ट मिला। चुनाव प्रचार के दौरान एक वीडियो में वह तब सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने एक न्यूज एजेंसी के रिपोर्टर के साथ दुर्व्यवहार किया था, और ANI को 'गोदी मीडिया' कहा था। इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा बटोरी थी, लेकिन अब चुनाव में उनकी हार ने मुफ्ती परिवार की राजनीति को कठिन दौर में डाल दिया है।

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