देहरादून: उत्तराखंड के कपकोट से दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। जिसमे एक मां अपनी बेटी को तीन दिन तक भूखा-प्यासा एक कमरे में बंद करके रखा। बेटी को पुलिस ने अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एडमिट कराया है। लोगों को जब पता चला कि कपकोट में एक महिला ने अपनी 17 साल की बेटी को 3 दिन से भूखा-प्यासा रखकर कमरे में बंद कर दिया है तो उन्होंने इसकी खबर बाल कल्याण समिति को दी। समिति ने कपकोट थाने को सूचित किया।
इसी बीच कपकोट के थानाध्यक्ष प्रताप सिंह नगरकोटी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश जोशी एवं अन्य व्यक्तियों की मदद से किशोरी को कपकोट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एडमिट कराया गया है। थानाध्यक्ष के मुताबिक, किशोरी की मां पहले से ही मानसिक तौर पर ठीक नहीं है। इस वजह से वह भी अवसाद में आ गई। 2 महीने पहले घरवालों ने किशोरी को जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों को दिखाया।
तत्पश्चात, उसका हल्द्वानी के सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में उपचार किया गया। सुधार न होने पर उसे देहरादून के सेलाकुई स्थित मानसिक रोग चिकित्सालय में एडमिट कराया गया था। कुछ दिन पहले किशोरी को उसका रिश्तेदार देहरादून से कपकोट ले आया था। किशोरी के पिता का कई वर्ष पहले निधन हो चूका है। उसके घर में मां के सिवाय और कोई नहीं है। थानाध्यक्ष के मुताबिक, कपकोट सीएचसी में किशोरी का उपचार किया जा रहा है। बिटिया की हरसंभव सहायता की जाएगी।
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