शुक्रवार फिच सॉल्यूशंस कंट्री रिस्क एंड इंडस्ट्री रिसर्च ने का बयान सामने आया है. जिसमें ऑटो सेक्टर को लेकर रिसर्च पेश की गई है. बता दे कि भारत में ऑटो इंडस्ट्री का मोटरसाइकिल सेगमेंट बाकी ऑटो सेगमेंट की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगा क्योंकि कोरोनावायरस महामारी के कारण वित्तीय दबाव बढ़ने के चलते अधिक उपभोक्ता मोटरसाइकिल सेगमेंट में प्रवेश करने के लिए मजबूर होंगे. फिच ग्रुप यूनिट ने एक बयान में कहा कि घरेलू मोटरसाइकिल उत्पादन मांग में बदलाव से कुछ समर्थन हासिल करेगा, लेकिन निर्यात बाजार से अधिक लाभ प्राप्त होगा, क्योंकि मोटरसाइकिल की मांग कई बाजारों में अपेक्षाकृत मजबूत बनी हुई है. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से
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अपने बयान में आगे कहा गया कि भारत में मोटरसाइकिल निर्माता बड़े पैमाने पर सामान्य परिचालन में लौट आए हैं और यह खंड आयातित घटकों पर उतना निर्भर नहीं है जितना कि देश के मोटर वाहन उद्योग के अन्य भागों में है, जो आगे सप्लाई चेन के अवरोधों के जोखिम को कम करता है.
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इसके अलावा उन्होंने आगे कहा कि जब हम अनुमान लगाते हैं कि 2020-21 में भारत की मोटरसाइकिल की बिक्री 23.7 फीसद सालाना की दर से होगी, तो हम उम्मीद करते हैं कि मोटरसाइकिल का उत्पादन साल में सिर्फ 16 फीसद ही होगा. आउटपुट और सेल्स दोनों में यह संकुचन मोटे तौर पर प्रोडक्शन और डीलरशिप ऑपरेशन के ठहराव के कारण है जो पहले दो देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान हुआ था. साथ ही, उन्होंने कहा, "जबकि हम मानते हैं कि COVID-19 संक्रमण में निरंतर वृद्धि उपभोक्ताओं को बड़ी खरीदारी करने पर रोक लगाएगी, पर अब सार्वजनिक परिवहन का डर कुछ उपभोक्ताओं को 2020-21 में मोटरसाइकिल खरीदने के लिए प्रेरित करेगा."
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