देहरादून: उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में शनिवार सुबह करीब 9 बजे एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिससे धारचूला-तवाघाट नेशनल हाईवे पूरी तरह बंद हो गया। यह घटना चेतुलधार के पास हुई, जहां पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा दरकने से सड़क पर मलबा फैल गया और दोनों ओर दर्जनों वाहन फंस गए। हालांकि, राहत की बात यह रही कि भूस्खलन के समय वहां से कोई वाहन नहीं गुजर रहा था, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया।
इसे उत्तराखंड के #पिथौरागढ़ में धारचूला क्षेत्र का वीडियो बताया गया है..जहां लैंडस्लाइड की भयावह तस्वीर सामने आई है। pic.twitter.com/qCQ8yx4Xmi
— NAVEEN UNIYAL (@uniyal85) December 21, 2024
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया। जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने बताया कि धारचूला के SDM मंजीत सिंह और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। BRO (बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन) की टीमें तुरंत राहत कार्य में जुट गईं और सड़क को साफ करने की कोशिशें शुरू कर दी गईं। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि मार्ग पूरी तरह खोलने में अभी थोड़ा समय लग सकता है। घटनास्थल से सामने आए वीडियो में भूस्खलन के भयावह दृश्य साफ देखे जा सकते हैं। वीडियो में दिख रहा है कि किस तरह कुछ ही सेकंड में पहाड़ी का बड़ा हिस्सा ढह गया और चारों तरफ धूल का गुबार छा गया। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की अपील की है, ताकि वे सुरक्षित रह सकें।
भूस्खलन की यह घटना 20 दिसंबर को तब हुई, जब तवाघाट इलाके में नेशनल हाईवे पर सड़क चौड़ीकरण का काम चल रहा था। अचानक पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा दरक गया, जिससे हाईवे पर भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया। इस इलाके में सड़क निर्माण कार्य के चलते पहले भी छोटे-मोटे भूस्खलन की घटनाएं सामने आती रही हैं, लेकिन इस बार स्थिति गंभीर रही।
पिथौरागढ़ की एसपी रेखा यादव और SDM मनजीत नेगी ने भी मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने भूस्खलन के वीडियो की पुष्टि करते हुए बताया कि मार्ग खोलने में कुछ समय लग सकता है। प्रशासन की टीम लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और BRO की टीम मलबा हटाने का काम तेजी से कर रही है। DM विनोद गोस्वामी ने कहा कि राहत की बात यह है कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है। लेकिन इस घटना ने सड़क निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने निर्माण कार्य में और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि इस इलाके की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भूस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है। खासकर मानसून या भारी बारिश के बाद इस तरह की घटनाएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। तवाघाट क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण का काम भले ही जरूरी है, लेकिन इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाने की आवश्यकता है।
वहीं, स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर चिंता का माहौल है। कई लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण कार्य की वजह से पहाड़ियों की स्थिरता प्रभावित हो रही है, जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने लोगों को आश्वस्त किया है कि मार्ग जल्द ही खोल दिया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल, BRO और प्रशासन की टीमें मिलकर मलबा हटाने और रास्ता साफ करने का काम कर रही हैं। अधिकारियों ने कहा है कि जल्द ही यातायात बहाल करने की पूरी कोशिश की जा रही है।