स्टार कास्ट---मनोज वाजपेयी ,मयूर पटोले, तिलोत्तमा शोम, छाया कदम, श्रुति मराठे
डायरेक्टर---सौमेंद्र पाधी
प्रोड्यूसर---कोड रेड फिल्म्स, वायकॉम मोशन पिक्चर्स
म्यूजिक---सिद्धांत माथुर, ईशान छाबरा
जॉनर---स्पोर्ट्स बायोपिक
कहानी
यह कहानी ओडिशा राज्य के एक 5 साल के छोटे बच्चे बुधिया सिंह (मयूर पटोले) की है, जिसे उसके कोच बीरंची दास (मनोज वाजपेयी) ने दौड़ने के लिए तैयार किया है। बीरंची दास एक अकादमी चलाता है और एक दिन किन्ही कारणों से वो बुधिया को अपने पास ले आता है और उसको अपना शागिर्द बनाता है। फिर वही बुधिया महज 5 साल की उम्र में मैराथन दौड़ कर बड़ा रिकॉर्ड बनाता है। लेकिन बहुत सारे राजनीतिक दबाव की वजह से बुधिया की कहानी एक नया रंग लेती है और आखिरकार क्या होता है, इसका पता आपको थिएटर तक जाकर ही चल पाएगा।
डायरेक्शन
फिल्म का डायरेक्शन लाजवाब है और समय-समय पर आपको इमोशनल भी करता है। फिल्म में कई ऐसे वाकये भी आते हैं जहां आप खुद को इस कहानी से कनेक्ट कर पाने में ज्यादा सक्षम हो पाते हैं। फिल्म काफी रियल लगती है।
एक्टिंग
बुधिया सिंह का किरदार निभा रहे मयूर पटोले को लगभग 2000 बच्चों के ऑडिशन के बीच से चुना गया था और यकीनन उसने कमाल का काम किया है। वहीं, मनोज वाजपेयी की मौजूदगी फिल्म को और भी ज्यादा निखारती है। बाकी किरदार जैसे तिलोत्तमा शोम, छाया कदम, श्रुति मराठे, गजराज राव का भी काम अच्छा है।
म्यूजिक
फिल्म के म्यूजिक कहानी के साथ-साथ चलता है और अच्छा लगता है।
देखें या नहीं?
अगर बायोपिक फिल्में पसंद हैं तो एक बार जरूर देख सकते हैं।