भोपाल: मंगलवार से मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आरम्भ हो गया है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस महाकाल लोक, भ्रष्टाचार, आदिवासी अत्याचार एवं महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ आक्रामक है। आज प्रातः रैगांव से कांग्रेस MLA कल्पना वर्मा टमाटर एवं मिर्च की माला पहनकर विधानसभा परिसर में पहुंचीं। उन्होंने कहा कि सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं, मगर सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है।
वही प्रातः 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने आदिवासी अत्याचार का विषय उठाया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि ये राष्ट्रगीत वंदेमातरम का अपमान कर रहे हैं। मैं इसकी निंदा करता हूं। इस पर कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि यह गलतबयानी हो रही है। वंदेमातरम शुरू नहीं हुआ था। दोनों पक्षों से इसको लेकर अपना-अपना पक्ष रखा जाने लगा तो अध्यक्ष गिरीश गौतम ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विधानसभा की मान्य परंपरा के मुताबिक, सदन की कार्यवाही वंदेमातरम से प्रारंभ होती है। मैंने टोका भी कि पहले वंदेमातरम हो जाने दें, फिर अपनी बात रखें पर आप शांत नहीं हुए, यह दुखद है। डा. मिश्रा ने कहा कि इस कृत्य के लिए नेता प्रतिपक्ष माफी मांगें। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए रद्द कर दी।
सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होते ही विधानसभा में आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार को लेकर कांग्रेस में चर्चा कराने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने कहा कि सीधी में आदिवासी वर्ग के व्यक्ति के साथ जो घटना हुई है, उसने हम सबका सिर शर्म से झुका दिया है। हमने सदन में प्रस्ताव दिया है, काम रोककर चर्चा कराई जाए। पूर्व सीएम कमल नाथ ने कहा कि देश एवं विदेश में इस घटना की वजह से राज्य कलंकित हुआ है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, ही आदिवासियों के सर्वाधिक अत्याचार मध्य प्रदेश में हो रहे हैं। इस पर संसदीय कार्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि जब एक विषय सदन के सामने रखा जा चुका है तो फिर उस पर इस प्रकार चर्चा नहीं होनी चाहिए। इस आपत्ति पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति एवं सर्वदलीय समिति पर इस पर चर्चा हो चुकी है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इसे नकारते हुए कहा कि कार्य मंत्रणा समिति में कोई फैसला नहीं हुआ है। यह विषय मेरे सामने आया है, अब मुझे फैसला करने दीजिए।
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