भोपाल: बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान और उनके परिवार की 15 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति पर सरकार का कब्जा हो सकता है। यह संपत्ति भोपाल के कोहेफिजा से लेकर चिकलोद तक फैली हुई है और इसमें करीब 100 एकड़ जमीन शामिल है, जिस पर वर्तमान में डेढ़ लाख लोग रह रहे हैं। इस संपत्ति से जुड़ा मामला 2015 से कानूनी दांव-पेच में फंसा हुआ था, लेकिन अब कोर्ट का स्टे खत्म हो चुका है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर, बहनें सोहा और सबा अली खान, और पटौदी परिवार की एक अन्य सदस्य सबीहा सुल्तान को निर्देश दिया था कि वे शत्रु संपत्ति मामले में दिल्ली स्थित अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपना पक्ष रखें। हालांकि, हाई कोर्ट द्वारा निर्धारित 30 दिन की समय सीमा समाप्त हो चुकी है, और पटौदी परिवार ने अब तक कोई दावा पेश नहीं किया है। अब परिवार के पास डिवीजन बेंच में चुनौती देने का अंतिम विकल्प बचा है।
इस मामले की शुरुआत 2015 में हुई थी, जब पटौदी परिवार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत भोपाल के आखिरी नवाब की संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण के फैसले को चुनौती दी थी। दरअसल, नवाब की बड़ी बेटी राजकुमारी आबिदा सुल्तान 1950 में पाकिस्तान चली गई थीं, जिसके चलते उनकी संपत्तियों को "शत्रु संपत्ति" घोषित किया गया। भारत सरकार के शत्रु संपत्ति के संरक्षक कार्यालय (CEPI), मुंबई ने इन संपत्तियों को अपने अधीन ले लिया था।
नवाब की मृत्यु के बाद उनकी दूसरी बेटी, साजिदा सुल्तान बेगम, को भोपाल उत्तराधिकार अधिनियम, 1947 के तहत संपत्ति का वैध उत्तराधिकारी घोषित किया गया। पटौदी परिवार का दावा है कि वे साजिदा बेगम के उत्तराधिकारी हैं और इस संपत्ति पर उनका हक बनता है। हाल ही में, हाई कोर्ट की जबलपुर पीठ ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने पटौदी परिवार को अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता दी, लेकिन अब तक परिवार ने इसका लाभ नहीं उठाया है।
यह मामला नवाब की ऐतिहासिक संपत्तियों पर अधिकार को लेकर कानूनी और राजनीतिक चर्चा का विषय बना हुआ है। अगर पटौदी परिवार इस मुद्दे पर अदालत में कोई ठोस दावा पेश नहीं करता, तो इन संपत्तियों पर सरकार का स्थायी कब्जा हो सकता है।