भोपाल : अब अपने बाॅय फ्रेंड से रूठी गर्ल अपने मित्र पर बेवजह रेप का आरोप नहीं लगा सकेगी। या किसी षड्यंत्र के तहत किसी को फंसाने के लिए कोई भी महिला किसी पर रेप का आरोप नहीं लगा पाएगी। दरअसल अब मध्यप्रदेश के उच्च न्यायालय ने लोगों को इस मामले में बड़ी राहत दी है। न्यायालय के आदेश के अनुसार रेप के हर मामले में डीएनए टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा। दरअसल यह जांच केवल कुछ रिजर्व मामलों में ही की जाती थी। मगर अब हर मामले में यह जांच करने से दोनों पक्षों को आसानी होगी।
उल्लेखनीय है कि मप्र में 5500 रेप के मामले आए जिसमें अधिकांश नाबालिगों से जुड़े थे। उल्लेखनीय है कि जबलपुर उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार रेप के मामले में केवल पीडि़त या फिर दूसरों के बयान का आधार पर किसी तरह का निर्णय नहीं हो सकेगा। इस मामले में डीएनए टेस्ट करवाकर रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करना होगी।
इस मामले में उच्च न्यायालय ने आदेश देते हुए कहा कि शहडोल जिले के बढ़ार थाने के तहत ललपुर गांव में राजा बर्मन द्वारा जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। दरअसल राजा बर्मन पर आरोप थे कि उसने नाबालिग से संबध बनाए। जब वह गर्भवती हो गई तो उसने बदनामी के डर से आत्महत्या कर ली। राजा के खिलाफ किसी तरह के सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस के पास केवल मृतका का और उसकी मां व सहेली के बयान थे। मगर न्यायालय ने इन सबूतों को असंतुष्ट मान लिया।