भोपाल। अपनी मांगों को लेकर किसानों द्वारा सब्जियों, दूध आदि उपभोक्ता सामग्रियों की आपूर्ति बंद कर दी थी। हालांकि महाराष्ट्र में किसान आंदोलन समाप्त होने की बात सामने आई थी लेकिन यहां कुछ किसान संगठन विरोध प्रदर्शन करने में लगे हैं। वहीं मध्यप्रदेश में किसान करीब 6 दिनों से हड़ताल पर हैं। हडताल के 5 वें दिन प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। लगभग 1 हजार से अधिक आंदोलनकारियों ने मंदसौर के दलौदा में रेलवे फाटक ही तोड़ दिया। आंदोलनकारियों ने पटरियों को उखाड़ने का प्रयास किया। पुलिस को जानकारी मिली तो इन लोगों को खदेड़ दिया गया। प्रदेश में कई स्थानों पर आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया।
रतलाम, नीमच, धार और मंदसौर समेत कई क्षेत्रों में प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। धार और मंदसौर में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ गया। मिली जानकारी के अनुसार प्याज, तुअर, मक्क, मूंग सहित कई फसलों पर किसानों को वाजिब दाम नहीं मिल पा रहे हैं किसानों की मांग है कि ऐसा प्रयास हो कि इन खाद्य सामग्रियों को अधिक रेट पर खरीदा जा सके। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि वे जीरो ब्याज पर कर्ज प्रदान कर रहे हैं। यदि किसान 1 लाख रूपए का लोन लेता है तो उसे केवल 90 हजार रूपए ही वापस करने होगे।
उन्होंने आंदोलन को लेकर कहा कि वे किसान हित की बात कर रहे हैं। किसान हिंसक नहीं हो सकता है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि किसानों को एक ही बार कर्ज मिलता था मगर वे चाहेंगे तो खरीफ और रवी की फसल के लिए अलग.अलग कर्ज दिया जा सकेगा। गर्मी के मौसम में मूंग दाल को 5500 रूपए प्रति क्विंटल और तुअर दाल को 5050 रूपए प्रति क्विंटल के दाम पर खरीदा जाएगा। महाराष्ट्र में किसान संगठनों की हड़ताल 6 दिनों से जारी है।
किसानों ने कहा है कि यदि उनकी मांगों को न माना गया तो वे शासकीय कर्मचारियों को बंधक बना लेंगे। महाराष्ट्र में दूध की सप्लाय पर असर हुआ है। मुंबई व नागपुर में आवश्यक खाद्य सामग्री की कमी का अनुभव हो रहा है। लोगों को खाद्य सामग्री बमुश्किल मिल रही है। किसानों का कहना है कि वे 8 जून को नासिक में बैठक लेंगे। महाराष्ट्र राज्य में 1 जून से किसान आंदोलन किया जा रहा था। इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया है।
प्रदर्शनकारियों ने अहमदनगर में पुलिस पर हमला कर दिया। राहुरी में तो दूध के टैंकर को आग के हवाले कर दिया गया। गौरतलब है कि देवेंद्र फड़णवीस ने 2 जून को किसान नेता जयाजीराव सूर्यवंशी के साथ मीटिंग की थीए जिसके बाद हड़ताल खत्म करने का एलान किया गया थाए लेकिन किसान नेताओं में फूट पड़ने से यह आंदोलन हिंसक हो गया। इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ किया है कि किसानों के नाम पर आंदोलन करने वालों से सरकार बातचीत नहीं करेगी जो सचमुच किसान हैं उनसे सरकार अब भी चर्चा के लिए तैयार हैं।
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