नई दिल्ली: इसे असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा ही कहेंगे कि मध्य प्रदेश में 15 दिन में 22 किसानों द्वारा खुदकुशी करने के बावजूद शिवराज सरकार के एक मंत्री गोपाल भार्गव कल रिलीज हुई सलमान खान की फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ के टिकट बेचते दिखे. किसानों के दर्द में शामिल होने के बजाय उनका फिल्म के टिकट बेचने को प्राथमिकता देना चर्चा का विषय बन गया है.
उल्लेखनीय है कि गोपाल भार्गव मध्य प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री हैं. किसानों की समस्याएं देखना, उन्हें सुलझाने की कोशिश करना इनकी जिम्मेदारी है. लेकिन इस सबसे बेपरवाह गोपाल भार्गव कल सागर जिले के गढ़ाकोटा में फिल्म ‘ट्यबूलाइट’ के टिकट बेच रहे थे.बता दें कि भार्गव 1978 से चल रहे इस सिनेमा हॉल के मालिक हैं और उनके विधायक बनने से पहले से यह सिनेमा हॉल चल रहा है.इस मामले में मंत्री जी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अपनी टॉकीज में टिकट बेचने का ये काम तो वो 1978 से करते आ रहे हैं.
लेकिन विरोधाभासी दुखद दृश्य तब निर्मित हुआ जिस समय मंत्री जी टिकट बेच रहे थे उसी समय सागर और छतरपुर जिले में खुदकुशी करने वाले दो किसानों की अर्थियां उठ रही थीं लेकिन मंत्रीजी ने उन किसानों के परिवार वालों के आंसू पोंछने के बजाय टॉकीज में टिकटों की बुकिंग को अपना पहला कर्तव्य समझा. बता दें कि कल छतरपुर जिले के जिस किसान रघुवीर यादव ने जान दी. उसका घर मंत्रीजी के घर से सिर्फ 50-60 किलोमीटर दूर है. लेकिन मंत्रीजी ने वहां जाना उचित नहीं समझा. स्मरण रहे कि 6 जून को मंदसौर गोलीकांड के बाद से अबतक मध्य प्रदेश में कर्ज से परेशान 22 किसान खुदकुशी कर चुके है.
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