भोपाल: एमपी में OBC आरक्षण को लेकर सियासत उफान पर है। कोई भी पार्टी छोटा-सा भी मसला छोड़ना नहीं चाहती। इसी कड़ी में सीएम निवास के घेराव की चेतावनी पर जारी सहायक पुलिस कमिश्नर (एसीपी) के नोटिस पर राजनीती आरम्भ हो गई है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने ट्वीट किया है। दरअसल, OBC के लिए काम करने वाले एक दल से संबंधित धर्मेंद्र कुशवाह को भोपाल के टीटीनगर थाना इलाके के सहायक पुलिस कमिश्नर ने 107 का नोटिस जारी किया है। नोटिस में आज 10000 रुपए का बांड भरने के लिए कुशवाह को बुलाया गया है। नोटिस में इस बात के बारे में भी बताया गया है कि उन्होंने बगैर मंजूरी लिए लोगों को न्योता दिया है, जिससे भीड़ जैसे हालात उत्पन्न होंगे। इससे भोपाल शहर की शांति भंग होने की आशंका है।
वही ACP की यह कार्रवाई किए जाने के खिलाफ कांग्रेस OBC आंदोलन के सपोर्ट में खड़ी हो गई है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने ट्वीट करते हुए बताया है कि बीजेपी की मध्य प्रदेश सरकार OBC नेताओं से डर रही है। शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर अपना पक्ष रखने का सबको हक़ है। सरकार जब अपने आपको OBC हितैषी कहती है तो फिर 107 के नोटिस देकर शांतिपूर्ण प्रोग्राम को रोकना क्यों चाहती है। बीजेपी OBC आंदोलन की आवाज को दबाना चाहती है। उनकी समस्या समझने का प्रयास कीजिए। OBC संगठन के शांतिपूर्ण प्रोग्राम पर नोटिस दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें शांति पूर्ण प्रदर्शन की मंजूरी दीजिए। नहीं तो बीजेपी के कोई भी कार्यक्रम को पूरे देश में मंजूरी देना बंद करिए।
इसी के साथ पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी मामले में ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि OBC महासभा द्वारा अपनी जायज़ मांगों को लेकर 2 जनवरी को मुख्यमंत्री निवास के घेराव के पूर्व तय शांतिपूर्ण प्रोग्राम के पहले शिवराज सरकार उनके दमन पर उतारू हो गई है। OBC महासभा के पदाधिकारियों के अनुसार, उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है। नोटिस थमाए जा रहे हैं, थानों में बैठाया जा रहा है। पता नहीं शिवराज सरकार को OBC कैटेगरी से इतना भय क्यों? ना सरकार OBC कैटेगरी का हित चाहती है और ना उनकी सुनना।
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