देश के राज्य मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार का कोई प्रस्ताव नहीं है। सीएम ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उक्त बयान दिया। मंत्री इमरती देवी, ऐदल सिंह कंसाना और गिर्राज दंडोतिया की हार के बाद कैबिनेट में तीन सीटें खाली हो गई हैं।
उपचुनाव के लिए, दो मंत्रियों तुलसीराम सिलावत और गोविंद सिंह राजपूत को इस्तीफा देना पड़ा, क्योंकि सदन की सदस्यता से इस्तीफा दिए छह महीने बीत चुके हैं। एक मंत्री की बर्थ खाली है। इसलिए, कुछ विधायकों ने अनुमान लगाया है कि चौहान अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। भाजपा के सूत्रों के अनुसार, केवल राजपूत और सिलावट को ही शपथ लेनी चाहिए, ताकि पार्टी में कोई नाराजगी न हो।
उप-चुनाव हार चुके तीन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं। सिंधिया सरकार पर अपने कुछ अनुयायियों को इन रिक्त पदों पर नियुक्त करने के लिए दबाव बना सकते हैं। इस कारण भाजपा मंत्रिमंडल विस्तार से बचना चाहती है। इमरती देवी और दंडोतिया दोनों को अभी तक अपने कागजात नहीं दिए हैं। वे जनवरी तक मंत्री बने रहेंगे। दूसरी ओर, कांग्रेस ने कहा कि यह गलत है कि उन मंत्रियों ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा नहीं दिया। पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि उन मंत्रियों को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि जनता ने उन्हें छठी से 12 वीं कक्षा तक छोड़ दिया।
कर्नाटक उपचुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद भाजपा ने पंचायत चुनाव पर साधा निशाना
तेजस्वी का बड़ा बयान, कहा- अगर थोड़ी सी भी नैतिकता बची हो तो सीएम की कुर्सी छोड़ें नितीश
गुजरात पहुंचे अमित शाह, किया विकास उत्सव 2020 कार्यक्रम का उद्घाटन