भोपाल : गत दिनों एमपी में हुए शाजापुर ट्रेन ब्लास्ट में यूपी पुलिस कह रही है कि एमपी के संदिग्ध आतंकियों के आईएस से सीधे तौर पर जुड़ने के कोई सबूत नहीं हैं. वहीं, एमपी पुलिस को जो सबूत मिले हैं वे स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि इन आतंकियों के तार आईएस से जुड़े हैं. पुलिस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संदिग्धों के आईएस से जुड़े होने के पुख्ता सबूत भी दिखाए हैं. गौरतलब है कि हाल ही में शाजापुर के पास हुए ट्रेन ब्लास्ट को लेकर यूपी और एमपी पुलिस के बीच इस मामले से जुड़े लोगों का आईएस से जुड़े होने को लेकर मतभेद हैं.
यूपी पुलिस कह रही है कि एमपी के शाजापुर ट्रेन ब्लास्ट के संदिग्ध आतंकियों के आईएस से सीधे तौर पर जुड़ने के कोई सबूत नहीं हैं, जबकि एमपी पुलिस को जो सबूत मिले हैं उनके आधार पर वह इसे आईएस से जुड़ा मामला मान रही है. आतंकियों ने ब्लास्ट वाली जगह के फोटो अपने हैंडलर के जरिए सोशल मीडिया पर अपलोड किए हैं. धमाके के लिए जिस पाइप का इस्तेमाल किया गया था उस पर भी लिखा है- इस्लामिक स्टेट, वी आर इन इंडियन. मध्यप्रदेश पुलिस ने पूरी प्लानिंग को डिकोड करने का दावा किया है. बम की फोटो सीरिया भेजी जाने की जानकारी भी पुलिस को लगी है. यह इनपुट एनआईए को दिया गया है.
बता दें कि एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि ट्रेन ब्लास्ट प्लांड आतंकवादी हमला था आईएस से जुड़े आतंकियों ने आईईडी के जरिए ब्लास्ट किया, जबकि यूपी के एडीजी दलजीत चौधरी ने बुधवार को बताया कि सैफुल्लाह और उसके साथी आईएसआईएस के ऑनलाइन प्रोपेगेंडा से प्रभावित थे. इनके आईएस से लिंक के सबूत नहीं हैं. इन्होंने खुद ही कानपुर-लखनऊ में स्वयंभू आईएस खुरासान सेल बना लिया था. बाहर से इनकी कोई फंडिंग नहीं थी. स्मरण रहे कि ठाकुरगंज इलाके में यूपी एटीएस ने संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह को एनकाउंटर में मंगलवार रात को मार गिराया था.
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