भोपाल: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने व्यापम मामले के अपराधी रहे स्वर्गीय लक्ष्मीकांत शर्मा को निर्दोष बताया है। उन्होंने कहा है कि लक्ष्मीकांत जैसा इंसान यह कार्य कर ही नहीं सकता था। हाथ की लकीरें कभी-कभी निर्दोष शख्स को भी जेल भेज देती है। वही कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान के बाद राजनीतिक बवाल मचना तय है। लक्ष्मीकांत शर्मा जैसा व्यक्ति इस प्रकार की गड़बड़ियां कर ही नहीं सकता।
विदिशा में सभा को संबोधित करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि स्वर्गीय लक्ष्मीकांत शर्मा निर्दोष थे तथा उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। कैलाश ने कहा कि लक्ष्मीकांत शर्मा जैसा व्यक्ति इस प्रकार की गड़बड़ियां कर ही नहीं सकता। मगर कभी-कभी हाथ की लकीरें निर्दोष व्यक्ति को भी जेल भेजने पर विवश कर देती हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जब मैं मंत्री था तब जेल में लक्ष्मीकांत शर्मा से मिलने गया था तथा उन्होंने स्पष्ट कहा था कि वे इस मामले में बिल्कुल निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया गया है।
मध्य प्रदेश में सबसे पहले जब व्यापम घोटाला सामने आया था तो इसकी तहकीकात STF को सौंपी गई थी और STF की तहकीकात के बाद ही लक्ष्मीकांत शर्मा को आरोपी बनाया गया था। उसके बाद STF ने उन्हें गिरफ्तार किया तथा लंबे वक़्त तक होने जेल में रहना पड़ा। बाद में जब वे जेल से छूटकर आए तो कोरोना काल उनका निधन हो गया। वही अब सवाल यह है कि यदि कैलाश की बातों में सच्चाई है तो इस साजिश पीछे कौन था यह जानना बेहद आवश्यक है। लक्ष्मीकांत शर्मा तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री भी रहे तथा व्यापम उनके अंतर्गत ही आता था।
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