नईदिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। दरअसल उन्होंने,अपने स्तर पर येरूशलम को इज़रायल की राजधानी के तौर पर मान्यता दे दी है, ऐसे में विश्वभर से कई प्रतिक्रियाऐं आ रही हैं, इस मामले में अमेरिका के राष्ट्रपति ने घोषणा की थी कि, बीते राष्ट्रपतियों ने केवल इस मसले में वादा किया था और, कैंपेनिंग की थी कि, वे अपने इस वादे को पूर्ण करेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार,येरूशलम को राजधानी के तौर पर मान्यता मिलने पर, भाजपा नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मांग की है कि, भारत को अपना दूतावास येरूशलम में शिफ्ट किया जाना चाहिए। हालांकि, विश्व में येरूशलम को इज़रायल की राजधानी बनाए जाने का विरोध किया जा रहा है। अमेरिका भी अपने दूतावास को, तेल अवीव से हटाकर येरूशलम में ले जाने की तैयारी में है।
उल्लेखनीय है कि, फिलीस्तीन इस्लामिक ग्रुप हमस ने अमेरिका के निर्णय का विरोध किया है। उल्लेखनीय है कि, येरूशलम, इस्त्रायल और फिलिस्तीन के बीच विवाद, का विषय है। दोनों ही देश इसे अपनी राजधानी बताते हैं। दूसरी ओर, पश्चिम एशिया में विश्वभर के नेताओं ने, येरूशलम को राजधानी बनाए जाने के निर्णय का विरोध किया है।
हालांकि आतंकी संगठन अलकायदा ने धमकी देते हुए, कहा है कि, यदि, राजधानी को येरूशलम शिफ्ट किया गया तो फिर, वह हमला कर सकता है। गौरतलब है कि, इस मामले में तुर्की के उप्रधानमंत्री बेकिर बोजदाग ने कहा था कि, यदि येरूशलम को लेकर, इस तरह का परिवर्तन होता है तो फिर, बड़ी तबाही हो सकती है। दूसरी ओर, इस्त्रायल के रक्षामंत्री एविग्डोर लिबरमान ने ट्रंप से कहा था कि, वे एतिहासिक मौके को हाथों से न जाने दें।
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