भोपाल : मौसम ने एक बार फिर करवट बदली है और रविवार के दिन दोपहर में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तेज हवाओं के साये में बर्फ़बारी हुई. सुबह से ही मौसम में ठंडक थी और अचानक से बदलाव का दौर चला जहाँ दोपहर तक धूप और छांव के बीच लुका-छिपी का खेल चलता रहा इसके बाद एक बार फिर मौसम ने अपनी करवट बदली और तेज हवाओं के साथ-साथ बारिश ने पूरे शहर को अपने कब्जे में ले लिया. बारिश के थोड़ी ही देर के बाद चने के आकर के ओले पड़ने लगे और मौसम में ठंडक छा गई. यह ओलावृष्टि 15 से 20 मिनिट तक चली जिसके कारण प्रदेश की राजधानी बर्फ से ढक गई.
राजधानी भोपाल के अलावा इसके आसपास के क्षेत्रों, और सीहोर, बैतूल, छिंदवाड़ा और सतना जिलों में भी ओलावृष्टि हुई और तेज आँधिया चली. ओलावृष्टि और हवाएं इतनी तेज थीं कि घरों के खिड़की और दरवाजे में लगे कांच भी टूट गए. वहीँ इस ओलावृष्टि से किसानो की फसलें बर्बाद हो गई और किसानो को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है. वहीँ मौसम विशेषज्ञों ने भी कहा की इस तरह से बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसानो को काफी नुकसान होगा.
वहीँ इस ओलावृष्टि के चलते महाराष्ट्र और विदर्भ के इलाकों में 2 लोगों की मौत हो गई. वहीँ किसानो ने जानकारी देते हुए बताया कि इस तरह की बेमौसम बरसात के चलते चना, नारंगी, केला, ज्वार व अन्य फसलों का नुकसान उठाना पड़ा है. इतना ही नहीं कुछ-कुछ इलाकों में टेनिस बॉल के आकर के भी ओले पड़े और इसी वजह से 2 लोगों की मौत हो गयी. यमुना हुमबड़ और नामदेव शिंदे (70) के रूप में दोनों की पहचान की गयी है. महाराष्ट्र सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा के बाद तत्काल किसानो को राहत पहुंचाते हुए बर्बाद हुई फसल का मुआवजा देने की घोषणा की.
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