नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में फिर से सियासी प्रक्रिया को बढ़ाने की पहल की गई है. गुरुवार को पीएम मोदी के नेतृत्व में एक अहम बैठक हुई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के कई बड़े नेता शामिल हुए. इस बैठक को लेकर अब पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने केंद्र की नीति की आलोचना की है.
Congress and other J&K parties and leaders want Statehood first and Elections afterward.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 25, 2021
Government’s response is Elections first and Statehood later.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर के अन्य सियासी दल पूर्ण राज्य का दर्जा पहले और चुनाव बाद में चाहते हैं. किन्तु केंद्र सरकार का रुख है कि चुनाव पहले और पूर्ण राज्य का दर्जा बाद में. पी. चिदंबरम ने अपने ट्वीट में लिखा कि घोड़ा ही गाड़ी को खींचता है. एक राज्य को ही चुनाव करवाने चाहिए, तभी निष्पक्ष और आजादी से चुनाव हो सकेंगे. केंद्र सरकार गाड़ी को आगे रखकर घोड़ा पीछे क्यों रखना चाहती है. यह विचित्र है.
बता दें कि गुरुवार को हुई बैठक में जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं की तरफ से केंद्र सरकार के सामने मांग रखी गई कि राज्य में चुनाव करवाए जाएं, पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिया जाए. कई सियासी दलों ने धारा 370 के फैसले को वापस लेने की बात भी कही. केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि सभी राजनीतिक दल परिसीमन की प्रक्रिया में सहायता करें, क्योंकि इसके बाद चुनाव ही अगला कदम है. हालांकि, पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर केंद्र की तरफ से कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर को यह अवश्य दिया जाएगा, किन्तु उचित समय पर दिया जाएगा. पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए परिसीमन और चुनाव आवश्यक है.
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