खाद्यान्न में मिलावट पर सांसदों ने जताई चिंता, सरकार कर रही प्रत्येक राज्य में फूड टेस्टिंग लैब बनाने की तैयारी

खाद्यान्न में मिलावट पर सांसदों ने जताई चिंता, सरकार कर रही प्रत्येक राज्य में फूड टेस्टिंग लैब बनाने की तैयारी
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राज्यसभा में सांसदों द्वारा खाद्यान्न में मिलावट और दूध, सब्जी, फल समेत अन्य उत्पादों में कीटनाशकों के प्रयोग पर चिंता व्यक्त की गई है. जिस पर सरकार ने सफाई दी है कि वह प्रत्येक राज्य में एक फूड टेस्टिंग लैब बनाने जा रही है.

मंगलवार को अन्नाद्रमुक सांसद विजिला सत्यानाथ ने उच्च सदन को बताया, कि हाल में ही में उन्होंने कुछ सेब खरीदे थे जिन पर मोम लगा था. ऐसे ही कुछ अन्य सांसदों ने खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता पर चिंता जताते हुए कहा कि मिलावटी और कीटनाशक युक्त खाद्य सामग्री से कैंसर जैसी घातक बीमारियां होती हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे से निपटने के लिए परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने बताया कि कृषि मंत्रालय के मुताबिक करीब तीन फीसद नमूने (सैंपल) कृषि उत्पाद मार्केटिंग कमेटी मार्केट, स्थानीय बाजार, खेत-खलिहान, ऑर्गेनिक दुकानें और सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लिए गए हैं.

नड्डा ने बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने राज्य के खाद्य आयुक्तों के लिए मानक निर्धारित किए हैं. इन्हें खाद्यान्नों की गुणवत्ता तय करने में लागू किया जाएगा. उन्हनों बताया कि देश में 112 एनएबीएल लैब हैं और 198 फूड टेस्टिंग लैबोरेट्री हैं.

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