बीते कल यानी 25 जनवरी की शाम को गृह मंत्रालय ने उन लोगों के नाम जारी किये हैं जिन्हे पद्मश्री पुरस्कार मिलने वाला है। इसी लिस्ट में शामिल रहीं हैं गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा। जी दरअसल उन्हें भी पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है। वह अब इस दुनिया में नहीं है और उन्हें मरणोपरांत ये सम्मान मिला है। आप सभी को हम यह भी बता दें कि बीते साल नवंबर के महीने में ही उनका निधन हो गया था। जी दरअसल वह लंबे वक्त तक जनसंघ से जुड़ी रही थीं। आपको हम यह भी बता दें कि मृदुला सिन्हा गोवा की पहली महिला राज्यपाल थीं। वहीँ राजनीति के अलावा साहित्य की दुनिया में भी उनका नाम काफी था।
आपको बता दें कि उन्होंने 46 से ज्यादा किताबें लिखीं और उन्होंने विजयाराजे सिंधिया पर भी एक किताब लिखी थी जिसका नाम था, 'एक थी रानी ऐसी भी।' वैसे इस पर एक फिल्म भी बनी है। मृदुला सिन्हा के बारे में बात करें तो उनका जन्म मुजफ्फरपुर जिले के कांटी छपरा में हुआ था। उन्होंने 27 नवंबर 1942 को जन्म लिया था। वह एक जानी-मानी हिंदी की लेखिका भी थीं और केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पूर्व अध्यक्ष व भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी थीं। वहीँ उन्होंने जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व वाली 'समग्र क्रांति में सक्रियता से भाग लिया था।
आपको बता दें कि मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर करने के बाद उन्होंने बीएड की डिग्री हासिल की थी। वहीँ मोतिहारी स्थित डॉ। एसके सिन्हा महिला कॉलेज में व्याख्याता के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। मृदुला सिन्हा के पति के बारे में बात करें तो वह डॉ। रामकृपाल सिन्हा थे जो जनसंघ में थे। इसी के कारण ही उनके घर में भी नेताओं का आना-जाना लगा रहता था। साल 1967 के चुनाव में धीरे-धीरे उनकी रुचि राजनीति में बढ़ती गई और साल 1980 में वह अटल बिहारी वाजपेयी की चुनाव संयोजिका थीं। वहीँ इसके बाद वह महिला मोर्चा की प्रथम अध्यक्ष बनाई गईं।
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