शनिवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि कोविड-19 से उपजी परिस्थितियों की वजह से आर्थिक लड़ाई लंबी चलने वाली है. उन्होंने कहा कि इस आर्थिक लड़ाई में हमारे लिए कुछ अच्छी चीजें भी हैं, कुछ दिक्कतें भी हैं. गडकरी के मुताबिक मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में भारत जैसे विकासशील देश के लिए काफी संभावनाएं मौजूद हैं. इसके लिए स्वाभाविक तौर पर MSME सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए जो भी प्रयास हो सकते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से किए गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार MSMEs सेक्टर की दिक्कतों को दूर करने की कोशिशों में लगी है.
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अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर चेंबर ऑफ इंडियन माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज की ओर से आयोजित वेबिनार में गडकरी ने कहा कि हाल में घोषित पैकेज को लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय MSMEs को टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने की जरूरत है. फॉरेन कैपिटल लाने की जरूरत है. उन्होंने MSMEs से सकारात्मक धारणा और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया. गडकरी ने कहा कि हमारे देश की ग्रोथ में MSME का योगदान 29 फीसद है, जिसे 50 फीसद पर ले जाना है.
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस समय हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या लिक्विडिटी है. ऐसी परिस्थितियों में विदेशी निवेश लाने से काफी मदद मिल सकती है. विदेशी निवेश आने से हम अपने अर्थव्यवस्था के पहिए को तेजी से आगे बढ़ा सकते हैं. वही, गडकरी ने MSME सेक्टर को और गति देने के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टरनशिप के आधार पर Amazon और Alibaba जैसा मार्केटिंग प्लेटफॉर्म विकसित किए जाने का सुझाव दिया. उन्होंने इसके लिए टेक्नोलॉजी को उन्नत बनाने पर सबसे ज्यादा बल दिया.
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