दिल्ली: चुनाव के ठीक पहले अपनी सबसे दर्दनाक नस को पहचान कर मोदी सरकार ने किसानों को खुश करने का बड़ा दांव खेल दिया है. लागत मूल्य से 50 फीसदी अधिक दाम देने के वादे के तहत केंद्रीय कैबिनेट ने खरीफ फसलों के नए समर्थन मूल्य को मंजूरी दी है. एमएसपी का मूल्य जीडीपी के 0.2 फीसदी है. अब धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 200 रुपये बढ़ाकर 1,750 रुपये क्विंटल कर दिया गया है, जबकि ए ग्रेड धान पर 160 रुपये बढे है. कुल 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में -अधिकतम वृद्धि हुई है. इसका एमएसपी 900 रुपये बढ़ाकर 2,700 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है.
- मक्के के समर्थन मूल्य को 1425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1700 रुपये किया गया.
-मूंग की एमएसपी को 5575 रुपये से बढ़ाकर 6975 रुपये प्रति क्विंटल किया गया.
-उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 5400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5600 रुपये किया गया.
-बाजरे की एमएसपी को 1425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1950 रुपये किया गया.
-कपास (मध्यम रेशा) के लिए किसानों को अभी तक 4,020 रुपये प्रति 100 किलोग्राम मिल रहा था अब इसे बढ़ाकर 5,150 रुपये किया गया है.
- लंबे रेशे वाले कपास का मूल्य 4,320 रुपये से बढ़ाकर 5,450 किया गया है.
पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि मंत्रिमंडल अपनी अगली बैठक में एमएसएमपी में कम से कम 1.5 गुना वृद्धि को मंजूरी देगा. जिन खरीफ फसलों में एमएसपी पहले से उत्पादन लागत का 1.5 गुना है, उनमें वृद्धि मामूली होगी, लेकिन धान, रागी और मूंग जैसी फसलों के एमएसपी में तीव्र वृद्धि हुई है. इन फसलों का एमएसपी लागत का 150 प्रतिशत से कम था.
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