नई दिल्ली। देश में पिछले कुछ दिनों में यौन उत्पीड़न और बलात्कार के कई मामले सामने आये है। अभी हाल ही में बिहार और यूपी से बालिका गृह में यौन उत्पीड़न के दो मामले उजागर हुए है। इन शेल्टर होम्स में ऐसे कांड होने के बाद से दिल्ली महिला आयोग इस मामले में गंभीर हो गया है। दरअसल दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली के सभी महिलाओं और बच्चियों के शेल्टर होम की गंभीरता से जाँच करने का फैसला लिया है। इस जाँच के लिए दिल्ली महिला आयोग ने एक विशेषज्ञ समिति बनाई है। इस समिति में विद्वान, वकील, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता होंगे।
सरकार को पहले से ही पता थी मुजफ्फरपुर बालिका गृह की हकीकत
महिला आयोग का कहना है कि इस समिति के पास सरकार एवं प्राइवेट संस्थाओं द्वारा संचालित महिलाओं और बच्चियों के किसी भी शेल्टर होम की जांच करने का अधिकार होगा। इस समिति के विशेषज्ञ इन शेल्टर होम में महिलाओं और लड़कियों की स्थिति, सुरक्षा, सुविधाओं जैसे कई मुद्दों की गंभीर जाँच करने के बाद आयोग को एक रिपोर्ट सौंपेंगे।
अब महिला आरक्षण से महिला आयोग को ही आपत्ति
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा कि "आयोग ने स्वयं दिल्ली सरकार द्वारा संचालित कई शेल्टर होम का दौरा किया है। अब यह समिति इन शेल्टर होम की एक व्यापक जांच करेगी।" स्वाति का कहना है कि मुजफ्फरपुर और देवरिया की घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर दिया है और इस वजह से देश में संचालित सभी शेल्टर होम की व्यापक जांच करने की बहुत जरुरत है।
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