नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर के एक बालिका गृह में तक़रीबन दो महीने पहले हुए यौन उत्पीड़न कांड के मामले की जाँच करने के लिए पटना उच्च न्यायालय द्वारा नया जांच दल गठित करने के आदेश पर आज देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
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देश के सर्वोच न्यायलय सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर की पीठ ने पटना हाई कोर्ट के इस आदेश पर रोक लगाते हुए कहा है कि हमें इस मामले में ऐसी कोई वजह नजर नहीं आ रहे जिसकी वजह से इस समय गृह कांड की जांच कर रहे मौजूदा जांच दल को बदला जाए। पीठ ने यह भी कहा कि मामले की जाँच कर रहे सीबीआई के दल को इस समय बदला जाना जांच के लिये नुकसानदेह हो सकता है।
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उल्लेखनीय है कि तक़रीबन दो महीने पहले बिहार के मुजफ्फरपुर में एक शेल्टर होम में 30 से अधिक बालिकाओं के साथ यौन उत्पीड़न का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था। इस मामले का मुख्य आरोपी और इस शेल्टर होम का मालिक ब्रजेश ठाकुर इस समय बिहार की सेंट्रल जेल में अपनी सजा काट रहा है।
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