मुंबई: एशिया के सबसे रईस व्यक्ति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी ने गरीबों को लेकर बड़ी बात कही है। मुकेश अंबानी ने कहा है कि देश में तीन दशक पूर्व हुए वित्तीय सुधारों का लोगों को असमान लाभ मिला है। अब समाज के निचले तबके यानी गरीब लोगों की आमदनी बढ़ाने के लिए विकास के भारतीय मॉडल पर फोकस करने की जरुरत है। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि भारत 2047 तक अमेरिका और चीन की बराबरी पर पहुंच जाएगा।
वित्तीय सुधारों के 30 वर्ष पूरे होने पर मुकेश अंबानी ने टाइम्स ऑफ इंडिया में एक आर्टिकल लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि साहसिक आर्थिक सुधारों की बदौलत ही भारत की GDP 1991 की 266 अरब डॉलर के मुकाबले दस गुना बढ़ने में सफल रही है। भारत 1991 की कमजोर इकॉनमी से 2021 में पर्याप्त अर्थव्यवस्था में तब्दील हो गया है। अब भारत खुद को 2051 तक एक टिकाऊ और समान समृद्धि वाली इकॉनमी में बदल रहा है। भारत में समानता हमारी सामूहिक समृद्धि में होगी। मुकेश अंबानी ने कहा है कि 1991 में भारत ने इकॉनमी की दिशा और दशा बदलने के लिए दूरदर्शिता और साहस दिखाया था। इस दौरान भारत सरकार ने निजी क्षेत्र को पब्लिक सेक्टर के दबदबे वाले क्षेत्रों में जगह दी। लाइसेंस कोटा राज को खत्म किया। उदार व्यापार और इंडस्ट्री से संबंधित नीतियां बनाई। पूंजी बाजारों और आर्थिक क्षेत्र को मुक्त किया। इन सुधारों ने भारत की एंटरप्रेन्योरशिप एनर्जी को मुक्त किया और तेज रफ्तार के विकास की शुरुआत हुई।
मुकेश अंबानी ने कहा कि हम संपत्ति की तुलना पर्सनल और आर्थिक तौर पर करते हैं। किन्तु हम इस सत्य को भूल जाते हैं भारत की असली संपत्ति सबके लिए शिक्षा, सबके लिए सेहत, सबके लिए रोज़गार, सबके लिए सही आवास, पर्यावरण सुरक्षा, खेल-संस्कृति और कला, सभी के लिए आत्म विकास का अवसर का टारगेट हासिल करने में है। दूसरे शब्दों में कहें तो हैप्पीनेस फॉर ऑल ही वास्तविक संपत्ति है।
लगातार गिरते जा रहे है सोने के दाम, जानिए आज का भाव
शेयर बाज़ार में Zomato की धमाकेदार एंट्री, पहले ही दिन मार्केट कैप में दिग्गज कंपनियों को पछाड़ा
वैकल्पिक ईंधन खंड का दोहन करने के लिए पियाजियो नए मॉडल को किया पेश