मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्री के प्रमुख मुकेश अंबानी ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियों को भारत को ढंके दुपे तौर पर वरदात कहा। उनका कहना था कि विदेशों से लौटकर कुशल प्रतिभाओं को अपनी मातृभूमि की सेवा करना चाहिए। उनका कहना था कि विदेश में बसी प्रतिभाओं को भारतीयों के लाभ के लिए कार्य करना चाहिए। उनका कहना था कि कारण कुछ भी हो मगर विदेश में कार्य कर रही भारतीय प्रतिभाओं को भारत लाना होगा।
देश के 1.30 अरब लोगों के जीवन को सुधारने में हम सहायता कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अन्य देशों में शानदार नेतृत्व प्रदान करने वाले भारतीय रिलायंस को मिले। उन्होंने कहा कि लोग भारत के लिए कुछ करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भलेही अमेरिका अपने देश में एच 1 बी वीजा को लेकर अलग नीतियां अपना रहा है और इसकी संख्या सीमित कर दी गई हो लेकिन यह भारत के लिए एक बेहतर समय ला सकता है।
ऐसे में भारत की प्रतिभाऐं यहीं आकर देश के लिए कुछ कार्य कर सकेंगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलकर यह चर्चा कर रहे थे कि तकनीक के माध्यम से किस तरह से दुनिया की परेशानियों का समाधान किया जा सकता है। उनका कहना था कि यह हमारे सौभाग्य की बात है कि हमें तकनीक को समझने वाला प्रधानमंत्री मिला है।
उनका कहना था कि वे और नीता अंबानी दोनों शिक्षा के क्षेत्र में आऐंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षण में उनकी रूचि है। उनेंने अपील की कि सरकार डाटा सिक्योरिटी हेतु कीप इन इंडिया अभियान चलाए। उन्होंने कहा कि वे प्रोफेसर के तौर पर विद्यार्थियों को पढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी का कहना है कि यही समय है जब वे शिक्षण से जुड़ जाऐं।
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