मनोरंजन जगत के मशहूर एक्टर मुकेश खन्ना ने कंगना रनौत की भीख वाली टिप्पणी की आलोचना की है। उन्होंने इस टिप्पणी को बचकान तथा हास्यादपद कहा है। उन्होंने पूछा कि क्या यह अज्ञानता को दिखता है या पद्म पुरस्कार का साइड इफेक्ट हैं। हाल ही में एक समिट में कंगना ने कहा था कि 1947 में मिली स्वतंत्रता एक भीख थी।
वही मुकेश खन्ना ने इंस्टाग्राम पर एक नोट लिखा तथा कंगना रनौत की एक फोटो साझा की। उन्होंने कहा, "कई लोग मुझसे बार-बार बोलते रहे हैं कि आपने देश की स्वतंत्रता पर किए गए कटाक्ष पर टिप्पणी नहीं की है। क्यों? तो मैं आपको बता दूं। मैंने दिया है। मगर शायद पढ़ा नहीं गया। तो मैंने सोचा कि मुझे इसे सार्वजनिक तौर पर बोलना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “मेरे अनुसार यह बयान बचकाना था। यह हास्यास्पद था। यह चापलूसी थी। क्या यह अज्ञानता का संकेत था या पद्म पुरस्कार का दुष्प्रभाव था। मुझे नहीं पता। मगर यह बात हर कोई जानता है तथा यह भी मानता है कि हमारा देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था। इसे अलग तरीके से तैयार करने का प्रयास भी किसी के लिए मूर्खता से कम नहीं होगी।” मुकेश ने यह भी लिखा, “मगर यहां मैं यह भी खुलासा करना चाहूंगा कि इसे बोलना है या गाना है, दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।।। भी हकीकत से उतना ही दूर है जितना ऊपर वाला बयान। वस्त्विक्ता ये है कि अंग्रेजी हुकूमत के मन में यदि किसी ने भागने का खौफ उत्पन्न किया तो वो था देश के असंख्य क्रांतिकारियों का बलिदान, सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज का डर और अपने ही सैनिकों की बग़ावत।
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