नई दिल्ली: खेती-किसानी की ओर किसानों की रुचि बढ़े, सरकार इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा कई तरीके से किसानों को प्रोत्साहित करती है। प्रगतिशील किसानों को इसके लिए पुरस्कार भी दिया जाता है। हरियाणा सरकार भी सीएम प्रगतिशील योजना के तहत अपने प्रदेशों के किसानों को ज्यादा से ज्यादा खेती-किसानी में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। बता दें कि इस स्कीम के तहत प्रगतिशील किसानों को प्रथम, द्वीतीय व तृतीय स्तर पर क्रमश: 5 लाख, 3 लाख व 1 लाख रुपए दिए जाते हैं। पहला पुरस्कार एक किसान, दूसरा दो किसान तथा तीसरा पांच किसानों को प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर भी 4 सांत्वना पुरस्कार भी दिया जाता है। इस पुरस्कार के लिए वही किसान चुने जाते हैं जो खेती में नए-नए परीक्षण करते रहते हैं, इसके अतिरिक्त कम पानी में खेती, फसल अवशेष प्रबंधन पर ध्यान देता हो, जैविक एवं प्राकृतिक खेती करता हो।
कैसे होता है चयन?
सीएम प्रगतिशील किसान सम्मान योजना के लिए चयन के लिए प्रदेश स्तर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक एवं जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाता है। आवेदकों पर गौर करने के पश्चात् ये कमेटी पुरस्कारों के लिए चयनित किए गए किसानों का नाम जारी करती है।
बता दें कि बीते कुछ वर्षों में देखा गया है कि किसानों के बीच खेती-किसानों को लेकर मोहभंग बहुत बढ़ा है। बड़े आँकड़े में कृषि क्षेत्र से लोग अलग हुए हैं। इसका सबसे बड़ा प्रभाव घटते हुए आनाज उत्पादन पर नजर आता है। ऐसे में सरकार इस प्रकार की योजनाओं के जरिए किसानों को कृषि क्षेत्र से बांधे रखना चाहती है। प्राकृतिक खेती का चलन बढ़े इस कारण भी किसानों को ये पुरस्कारें दी जाती हैं।
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