लखनउ: समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपने तजुर्बे से अपने परिवार में उपजे विवाद को लगभग शांत कर दिया है। उन्होंने अपने बेटे अखिलेश यादव की भी बात मानी और अपने छोटे भाई शिवपाल के सम्मान को भी ठेस नहीं पहुंचने दी। लेकिन मुलायम ने पिता की हैसियत से अपने बेटे अखिलेश को डांटते हुये नसीहत भी दी है। मुलायम अखिलेश के साथ सख्ती से पेश आये।
मुलायम ने अखिलेश से यह कहा है कि उनकी ही बात 2014 के दौरान हुये लोकसभा चुनाव में मानी गई थी, लेकिन इसका परिणाम पार्टी को भुगतना पड़ा। उस समय पार्टी को केवल पांच सीटे ही प्राप्त हो सकी थी। मुलायम ने अखिलेश से यह भी कहा कि उस समय अखिलेश ने शर्मिंदा किया या फिर उन्होंने।
दरअसल मुलायम सिंह यादव अपने बेटे अखिलेश के निर्णयों से पहले ही नाराज थे, लेकिन उनका गुस्सा इसलिये भी अधिक बढ़ गया क्योंकि अखिलेश के समर्थकों ने पार्टी मुख्यालय के बाहर नारेबाजी कर हंगामा खड़ा कर दिया था।
सिर झुकाकर सुनते रहे अखिलेश
बताया गया है कि मुलायम ने अखिलेश को डांट पिलाई तो वे सिर झुकाकर सुनते रहे। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में उन्हें अभी बहुत कुछ सीखना होगा। यदि वे उनके बेटे नहीं होते तो कोई उन्हें स्वीकार नहीं करता। बताया जाता है कि अखिलेश से उन्होंने यह तक कह दिया कि वे मनमर्जी से कोई काम नहीं करें। मुलायम ने अखिलेश को बताया कि जब तुम स्कूल में पड़ते थे, तभी उन्हांेने अपने भाई शिवपाल के साथ मिलकर समाजवादी पार्टी बनाई थी। वे मुख्यमंत्री है तो इसका मतलब यह नहीं है कि मनमर्जी से कोई भी निर्णय ले लें।