लखनऊ : उत्तरप्रदेश की राजनीति के प्रमुख दल समाजवादी पार्टी में अंर्तकलह का दौर है। एक ओर जहां पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी संगठन को लेकर अपनी तैयारी की है वहीं वरिष्ठ सदस्य शिवपाल यादव अपने भाई और पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पक्ष में चर्चा कर रहे हैं। गौरतलब है कि उन्होंने मांग की थी कि नेताजी को पार्टी की कमान सौंपी जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर वे अपना सेक्युलर मोर्चा बनाऐंगे। इसके अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव होंगे।
अब मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि पार्टी के गठन को लेकर शिवपाल सिंह यादव से कोई बात नहीं हुई साथ ही एक सप्ताह से उनसे भेंट तक नहीं हुई है। वे शिवपाल को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना था कि वे आॅल इंडिया समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने जा रहे हैं। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि शिवपाल यादव ने नए मोर्चे को लेकर उनसे चर्चा नहीं की। उनका कहना था कि हो सकता है कि शिवपाल यादव की भावनाऐं आहत हुई थीं।
उन्होंने अपने भाई का समर्थन करते हुए कहा कि मैं सदैव अपने भाई शिवपाल के लिए खड़ा रहूंगा। शिवपाल ने मेरे लिए जमकर संघर्ष किया और बड़ी परेशानियों का सामना किया। मगर मैं यह नहीं जानता हूं कि आखिर पूर्व सीएम अखिलेश अपने चाचा को पसंद क्यों नहीं करते हैं। गौरतलब है कि शिवपाल ने मीडिया में कथित तौर पर कहा था कि यदि उनकी नहीं सुनी गई या फिर नेताजी को महत्व नहीं दिया गया तो वे समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाऐंगे। इसमें मुलायम सिंह प्रमुख होंगे। उनसे पूछा गया कि क्या मुलायम ने इस पर स्वीकृति दी है तो उन्होंने कहा था कि मुलायम सिंह यादव से इस मामले में चर्चा की गई थी।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी में शिवपाल सिंह यादव और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल गई थी और इसी मामले में विवाद हो गया था। मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल को लेकर कहा था कि जो शिवपाल ने पार्टी के लिए किया है वह कोई भी नहीं कर सकेगा। हालांकि अखिलेश पार्टी की कमान अपने हाथ में रखना चाहते थे और चुनाव में अपने समर्थक मैदान में लाना चाहते थे जिस पर शिवपाल का समर्थन नहीं था और दोनों में विवाद हो गया था।
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