बंबई हमले के गुनहगार डेविड हेडली को भारत को सौंपेगा से अमेरिका ने साफ मना कर दिया है. अमेरिका का साफतौर पर कहना है कि डेविड हेडली को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है. पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी और हमलों के सह-साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पण का सामना करना होगा. एक अमेरिकी अधिवक्ता ने राणा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए संघीय अदालत में यह कहा. डेविड कोलमेन हेडली के बचपन के दोस्त 59 वर्षीय राणा को भारत के अनुरोध पर 10 जून को लास एंजिलिस में फिर से गिरफ्तार किया गया है. भारत ने 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में राणा की संलिप्तता के लिए उसे प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया था.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुंबई हमलों में छह अमेरिकी समेत 166 लोग मारे गए थे. संघीय अभियोजकों के मुताबिक, 2006 से नवंबर 2008 के बीच राणा ने दाऊद गिलानी के नाम से पहचाने जाने वाले हेडली और पाकिस्तान में कुछ अन्य के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा तथा हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी को मुंबई में आतंकी हमलों की साजिश रचने तथा हमलों को अंजाम देने में मदद की थी.
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पाक-अमेरिकी डेविड हेडली आतंकी संगठन लश्कर से जुड़ा रहा है. वह 2008 के मुंबई हमलों के मामले में सरकारी गवाह बन गया है. अब वह हमले में भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल की जेल की सजा काट रहा है. बता दें कि हेडली ने मुबंई हमलों में अपनी लिप्तता को तुरंत स्वीकार कर लिया था. इसके साथ ही सभी आरोपों में दोष भी स्वीकार कर लिया था.
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