मुंबई: देश की आर्थिक मुंबई की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने एक युवक को एक साल जेल की सजा सुनाई है। युवक का अपराध यह है कि उसने अपनी प्रेमिका का हाथ पकड़कर अपनी ओर खींच लिया था। इसे युवती की इज्जत से खिलवाड़ मानते हुए अदालत ने उसे सजा सुनाई है। मामला वर्ष 2014 का है। युवक के वकील ने कोर्ट में दलील थी कि अब उसकी (युवक की) शादी हो चुकी है और उसका दो साल का बेटा भी है। हालांकि अदालत ने इस दलील को ख़ारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि किसी का पूर्व प्रेमी होना इस बात की अनुमति नहीं देता कि उसके साथ कोई भी वर्ताव किया जाए। रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट क्रांति एम पिंगले ने मामले की सुनवाई करते हुए युवक को प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर एक्ट के तहत अच्छे बर्ताव के आधार पर छोड़ने से भी इंकार कर दिया। जज ने उच्च न्यायालय के एक फैसले हवाला दिया, इस प्रकार का अपराध करने वाले वाले को प्रोबेशन पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। कारण यह है कि, ये मामला एक महिला की इज्जत से संबंधित है। इसके अनुसार, युवक को इस प्रकार से छोड़ देने पर आगे इस तरह के अपराधों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही ऐसे तमाम अपराधों को रोकना या अपराधियों को पकड़ना भी कठिन हो जाएगा, जिससे महिलाओं के खिलाफ अन्य जुर्मों को रोकना भी मुश्किल हो जाएगा।
बता दें कि इस मामले में आरोपी युवती का पड़ोसी था। उसने इस आधार पर खुद को बरी किए जाने की गुजारिश की थी कि घटना 2014 की है और इसे कई साल गुजर चुके हैं। युवक का कहना है कि अब उसकी शादी भी हो चुकी है और उसका दो साल का एक बच्चा भी है। इस पर अदालत का कहना था कि युवक के मौजूदा हालात के मद्देनज़र उसकी सजा में कमी की जा सकती है। मगर उसने जो अपराध किया है, उसके लिए कुछ सजा तो देनी ही होगी। युवक के ऊपर 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इस मामले में युवती के साथ उसके पिता और चाचा ने भी कोर्ट में गवाही दी थी। युवती ने कोर्ट को बताया कि घटना 20 सितंबर 2014 में उसके घर की सीढ़ियों पर हुई थीं। मामले में FIR दर्ज की गई थी। आरोपी युवक को गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा हो गया था।
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