मुंबई : देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से ट्रेनों के पहिए थमे हुए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम उद्धव ठाकरे ने भी प्रवासी लोगों से जहां हैं, वहीं रहने का आग्रह किया है. महाराष्ट्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए रहने-खाने की व्यवस्था का आश्वासन दिया है. इन सभी प्रयासों के बावजूद प्रवासियों के अपने गांव-घर लौटने का सिलसिला रुक नहीं रहा. कोई साधन नहीं मिल रहा तो अब मजदूर साइकिल पर सवार होकर ही अपने घर लौटने लगे हैं.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से 20 मजदूरों का जत्था साइकिल से ही 1700 किमी दूर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के लिए निकला है. इन मजदूरों ने राशन की दिक्कत के कारण इस तरह का फैसला लेने का दावा किया. श्रमिकों ने सरकार पर सहायता न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास अब पैसे बचे नहीं थे, वहां रोज़गार मिल नहीं रहा था. ऐसे में बचे पैसों से साइकिल खरीदकर घर लौटने के सिवाय उनके पास कोई और चारा नहीं था.
मजदूरों ने अपनी मजबूरी बयान करते हुए कहा कि अगर वे घर नहीं गए तो यहां भूख से मर जाएंगे. ठाणे में राजमिस्त्री का काम करने वाले पिंटू ने कहा कि हम सबने मिलकर साइकिल खरीदने का निर्णय लिया, जिससे अपने घर पहुंच सकें. वहीं, अखिल प्रजापति ने कहा कि राशन ख़त्म हो चुका है, आमदनी हो नहीं रही. ऐसे में साइकिल से घर जाने की जगह कोई और रास्ता बचा नहीं था. उन्होंने मकान मालिक पर भी किराए के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया.
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