मुंबई: महाराष्ट्र में एनसीपी के बागी नेता अजित पवार के साथ मिलकर अचानक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार का गठन कर दिया, जिसके बाद से देश भर में सियासी तूफान खड़ा हो गया है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और अदालत कल फ्लोर टेस्ट पर फैसला देने वाला है। इस बीच बंबई उच्च न्यायालय में अनोखे मामले को लेकर याचिका दाखिल की गई है।
मुंबई के एक निवासी ने बंबई हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर भाजपा, शिवसेना को मिले जनादेश के आधार पर सरकार बनाने का निर्देश देने की मांग की। याचिका में बॉम्बे हाई कोर्ट से शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के चुनाव पश्चात गठबंधन से सीएम बनाए जाने के खिलाफ निर्देश देने की मांग की गई है। दरअसल, भाजपा ने महाराष्ट्र में शनिवार सुबह ऐसे वक़्त में सरकार बनाई है, जब कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच सरकार के गठन को लेकर अंतिम चरण में वार्ता हो रही थी।
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली। वहीं, अजित पवार ने प्रदेश के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली। एनसीपी चीफ शरद पवार ने सोमवार का एकबार फिर दावा किया कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार का गठन करेगी। भाजपा के साथ जाने का निर्णय उनके भतीजे अजित पवार का है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का फैसला नहीं है और हम इसका समर्थन नहीं करते।
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