लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर में गंगा नदी को मैला होने से बचाने की जगह उल्टा नगर निगम ही प्रदूषित करने में लगा हुआ है। मानसून का हवाला देकर जुलाई से नवंबर तक चार नालों का बायोरेमिडियेशन प्लांट ही नहीं चलाया, जिससे पांच माह तक 4 नालों की गंदगी गंगा नदी को प्रदूषित करती रही। अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संस्तुति पर मुख्यालय ने नगर निगम पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, रानीघाट, सत्ती चौरा, मेस्कर घाट, गोला घाट और डबका नाला में बायोरेमेडियेशन प्लांट स्थापित है। इससे गंदगी साफ होने के बाद ही गंगा में पानी जाने का प्रबंध है। इसके इतर नगर निगम ने प्लांट चलाने की जगह मानसून का हवाला देकर जुलाई से नवंबर तक प्लांट ही बंद कर दिए और ऐसे में गंदगी गंगा में जाती रही।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने जांच करके प्लांट बंद होने पर जुर्माना की संस्तुति की है। बोर्ड के राज्य मुख्यालय ने चारों नालों पर लगभग 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसकी जानकारी जिलाधिकारी, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम को भी दे दी है। बता दें कि इससे पहले पांडु नदी में गिर रहे रतनपुर नाले का प्लांट बंद होने पर भी प्रदूषण बोर्ड, नगर निगम पर 25 लाख का जुर्माना लग चुका है।
हैदराबाद के अंतिम निजाम मीर बरकत अली का इंतकाल, 90 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
वृंदावन पहुंच कर कृष्ण भक्ति में डूबीं हेमा मालिनी, वायरल हुआ Video
'रामचरितमानस नफरती ग्रन्थ..', अपने शिक्षा मंत्री के अभद्र बयान को JDU ने बताया RJD का आंतरिक मामला