कोलकाता: आज गुरुवार (5 अक्टूबर) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता रथिन घोष से जुड़े 13 ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी मध्यमग्राम नगर पालिका में भर्ती घोटाले के सिलसिले में की गई थी। बता दें कि रथिन घोष मध्यमग्राम नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष हैं। ED की टीमों ने कोलकाता और उत्तर 24 परगना सहित 13 स्थानों पर ममता सरकार के मंत्री घोष से जुड़े परिसरों पर छापे मारे।मध्यमग्राम से TMC विधायक रथिन घोष पर सरकारी नौकरियों में अयोग्य उम्मीदवारों की भर्ती के घोटाले में शामिल होने का आरोप है।
#WATCH | West Bengal | Enforcement Directorate conducts raids at the residence of West Bengal Food & Supplies Minister and TMC leader Rathin Ghosh. More than 12 premises linked to Ghosh have been covered in the state, including North 24 Parganas district and Kolkata.
— ANI (@ANI) October 5, 2023
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ED उन आरोपों की जांच कर रही है कि घोष और उनके सहयोगियों ने नौकरी के बदले नौकरी चाहने वालों से भुगतान स्वीकार किया था। रथिन घोष से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी के अलावा ईडी फिलहाल उत्तर 24 परगना जिले के बेलघोरिया में कमरहाटी नगर पालिका अध्यक्ष गोपाल साहा के घर पर छापेमारी कर रही है। ED ने बारानगर नगर पालिका की अध्यक्ष अपर्णा मौलिक और दक्षिण दम दम नगर पालिका के उपाध्यक्ष नेताई दत्ता के घरों पर छापेमारी की। इसके अलावा ईडी दमदम नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष पंचू रॉय के नागेरबाजार स्थित घर पर भी छापेमारी कर रही है। उत्तर 24 परगना जिले के टीटागढ़ नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन प्रशांत चौधरी के आवास पर भी ईडी की छापेमारी चल रही है। कथित तौर पर, प्रत्येक छापेमारी स्थल पर ईडी की टीमों में 7 से 8 अधिकारी शामिल हैं और उनकी सुरक्षा के लिए CRPF के जवानों को भी तैनात किया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, घोष का नाम ईडी अधिकारियों द्वारा एबीएस इन्फोज़ोन से आपत्तिजनक दस्तावेज़ जब्त करने के बाद सामने आया है। उल्लेखनीय है कि एबीएस इन्फोरज़ोन राज्य की विभिन्न नगर पालिकाओं द्वारा वहां भर्ती परीक्षा प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए आउटसोर्स की गई एजेंसी है, जिसने 2014 और 2018 के बीच मध्यमग्राम नगर पालिका में भर्ती प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण अनियमितताओं का खुलासा किया था।
एबीएस इन्फोज़ोन का स्वामित्व अयान सिल के पास है, जो एक निजी प्रमोटर है, जो पहले से ही पश्चिम बंगाल में स्कूल-नौकरी के बदले करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी में अपनी संदिग्ध संलिप्तता के लिए न्यायिक हिरासत में है। स्कूल-नौकरी-घोटाला मामले के सिलसिले में इस साल मार्च में सिल के अपार्टमेंट में छापेमारी और तलाशी अभियान चलाते हुए, ED अधिकारियों को पहली बार करोड़ों रुपये के शहरी नागरिक निकाय भर्ती मामले से संबंधित सुराग मिले हैं। केंद्रीय एजेंसी के अनुमान के मुताबिक, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, हुगली, नादिया और पुरुलिया जैसे जिलों में फैली 15 नगर पालिकाओं में लगभग 1,500 गैरकानूनी भर्तियां हुईं हैं।
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