लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बरेली में हाल ही में हुए एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम समुदाय ने मुफ़्ती सलमान अजहरी की रिहाई के लिए प्रदर्शन किया। फरवरी 2024 से गुजरात की जेल में बंद मौलाना अज़हरी ने खुले मंच से हिन्दुओं को कुत्ता काफिर कहा था और सांप्रदायिक नफरत फ़ैलाने वाले भाषण दिए थे। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए और उन्होंने बैनर-पोस्टर लेकर मुफ़्ती की रिहाई की माँग की। इस भीड़ ने कार्यक्रम के दौरान शोर मचाया और रिहाई के समर्थन में नारे लगाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना बरेली में उर्स-ए-रजवी के मौके पर हुई, जिसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम लोग शामिल हुए थे। कार्यक्रम के समापन के दिन, 30 अगस्त 2024 को, भीड़ ने मुफ़्ती सलमान अजहरी की रिहाई के समर्थन में नारे लगाए। मंच पर मौजूद मौलानाओं ने भी इस मांग का समर्थन किया और सलमान अजहरी के साथ खड़े होने की बात कही। एक मौलाना आकिल रजवी ने यह भी कहा कि किसी सहाबी के खिलाफ बोलने वालों की जुबान बंद कर दी जाएगी। मंच से मुफ़्ती सलमान अजहरी की रिहाई के लिए दुआ भी पढ़ी गई और कार्यक्रम के अंत में फिलिस्तीन के लिए भी दुआ की गई।
हिन्दुओ को खुलेआम धमकी..
— Panchjanya (@epanchjanya) February 3, 2024
"आज कुत्तों का दौर है, कल हमारा वक़्त आएगा।"
कट्टरपंथी मुस्लिम नेता मुफ़्ती सलमान अजहरी का जहरीला बयान ! pic.twitter.com/llAL0sNg0i
मुफ़्ती सलमान अजहरी को फरवरी 2024 में गुजरात की एक जेल में भेजा गया था। उसने जनवरी 2024 में एक कार्यक्रम में हिन्दुओं की तुलना कुत्ते से की थी और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया था। इसके बाद उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और मुंबई से गुजरात की एटीएस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके अतिरिक्त, उसके खिलाफ महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी कई FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें दंगा भड़काने और संपत्ति नष्ट करने के मामले शामिल हैं।
इस पूरे मामले पर सवाल उठता है कि मुस्लिम भीड़ इस तरह के अपराधियों के समर्थन में क्यों इकट्ठा होती है, जो समाज में नफरत और विष फैलाते हैं? समाज में राष्ट्रप्रेम और एकता का संदेश देने वाले व्यक्तियों जैसे मिसाइलमैन अब्दुल कलाम, वीर अब्दुल हामिद, और शहीद अशफाकुल्लाह खान को प्रेरणा के रूप में क्यों नहीं देखा जाता? क्या कारण है कि आखिर समाज में इन सकारात्मक उदाहरणों की जगह हिंसा और घृणा फैलाने वालों को अधिक महत्व दिया जाता है?
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