कोलंबो: श्रीलंका के एक मीडिया रिपोर्ट छपने के बाद से सांप्रदायिक तनाव गहरा गया है. अपने कट्टर राष्ट्रवाद के लिए विख्यात श्रीलंकाई अखबार दिवाइना ने अपने पहले पेज पर एक रिपोर्ट छापी थी, जिसमें दावा किया गया था कि एक मुस्लिम डॉक्टर ने सीजेरियन डिलीवरी के बाद लगभग 4000 सिंहल बौद्ध महिलाओं की गोपनीय ढंग से नसबंदी कर दी.
इस अपुष्ट रिपोर्ट में डॉक्टर की पहचान नहीं बताई गई थी. इस रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर ईस्टर रविवार को हुए आतंकी हमले के जिम्मेदार स्थानीय चरमपंथी इस्लामिक संगठन नैशनल तौहीद जमात का मेंबर है. रॉयटर्स एजेंसी ने इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट छापी है, किन्तु एजेंसी को अभी तक इस दावे के किसी तीसरे पक्ष से सबूत प्राप्त नहीं हुए हैं. श्रीलंका में मुस्लिमों के घरों, दुकानों और मस्जिदों को भीड़ द्वारा आग के हवाले किए जाने की घटना के एक हफ्ते बाद ही यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी. उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में ईस्टर रविवार को हुए आतंकी हमले के बाद मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ गई है.
अखबार के संपादक अनुरा सोलोमन्स ने रॉयटर्स को बताया है कि उनकी रिपोर्ट पुलिस और अस्पताल के सूत्रों को आधार मानकर बनाई गई है, किन्तु डॉक्टर की पहचान नहीं की जा सकी है. एक मुस्लिम डॉक्टर पर बौद्ध महिलाओं की जबरदस्ती नसबंदी करने का आरोप बौद्ध बहुल देश में दंगे भड़काने वाला सिद्ध हो सकता है. बौद्ध अक्सर अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय पर उच्च जन्म दर से देश में वर्चस्व बढ़ाने का प्रयास करने का आरोप लगाते हैं.
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