रतलाम: मध्य प्रदेश में नवरात्रि के अवसर पर गरबे का आयोजन किया जा रहा है। हालांकि, कई जिलों में गरबा को लेकर विवाद जारी है। इस सिलसिले में गरबा आयोजकों ने विभिन्न दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हिंदूवादी संगठन आधार कार्ड दिखाकर लोगों को प्रवेश दे रहे हैं। इसी बीच, रतलाम के काजी ने मुस्लिम समुदाय के लिए एक लिखित अपील की है।
उन्होंने लिखा है कि रतलाम के मुस्लिम समुदाय से सच्चे दिल से अनुरोध है कि मुस्लिम नौजवान, मुस्लिम माताएं एवं इस उम्मत की बहनें नवरात्रि पर्व के चलते न तो मेलों में जाएं और न ही गरबा देखने जाएं। वक्त और हालात को ध्यान में रखते हुए अपने घरों में रहें। काजी ने कहा कि मेलों में घूमना दीन-ए-इस्लाम में जायज नहीं है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से गरबा कार्यक्रम में न जाने की अपील करते हुए चिट्ठी में लिखा है कि रतलाम के मुस्लिम समुदाय से अनुरोध है कि वे नवरात्रि पर्व पर मेलों में न जाएं और न ही गरबा देखने जाएं। ऐसे गैर-दीनी मामलों से सख्ती से बचा जाए। काजी का यह फरमान तेजी से वायरल हो गया है।
रतलाम के काजी अहमद अली ने बताया कि वे हमेशा हिंदू, मुस्लिम, सिख एवं ईसाई सभी की बात करते हैं। हर त्योहार वे मिलकर मनाते हैं, मगर फिलहाल के माहौल को देखते हुए उन्होंने यह अपील की है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमारे समुदाय से हैं तथा कुछ उनके समुदाय से, जो कुछ बोल देते हैं, जिससे नुकसान होता है। जैसे कि कहा जा रहा है कि गरबे में मुसलमान आएंगे, तो उन्हें मारेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की बयानबाजी गलत है और वे ऐसी सोच का समर्थन नहीं करते। इसलिए, उन्होंने अपने समुदाय को घर में रहने की सलाह दी है।
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