वाराणसी: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कराने के फ़ैसले को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड (AIMPLB) ने उच्च न्यायालय में चुनौती देने का निर्णय लिया है. AIMPLB के सदस्य ज़फरयाब जिलानी ने इस मामले में सिविल अदालत के फ़ैसले को ग़ैर-क़ानूनी करार दिया है. जिलानी के अनुसार, जज ने जल्दबाज़ी में ये फ़ैसला दे दिया है. ज्ञानवापी मस्जिद में 15 अगस्त 1947 से पहले से नमाज़ पढ़ी जा रही है, इसलिए इस मामले में केस कायम नहीं हो सकता.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के काशी विश्वनाथ परिसर में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर गुरुवार को सिविल अदालत ने फैसला दिया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि इस मामले की जांच पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग करे और इसमें होने वाला पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी. सुनवाई के दौरान अदालत ने मस्जिद के पूरे परिसर का आर्कियोलॉजिल सर्वे करने का आदेश दिया है. अदालत के इस आदेश के बाद यह मामला सुर्ख़ियों में है.
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष दावा करता रहा है कि विवादित ढांचे के फर्श के नीचे आदि विशेश्वर का स्वयम्भू ज्योतिर्लिंग मौजूद है. दावे के अनुसार, इस ज्योतिर्लिंग की ऊंचाई 100 फीट है. बता दें कि AIMPLB से पहले असदुद्दीन ओवैसी भी इस अदालत के इस फैसले पर नाराज़गी जता चुके हैं .
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