मुस्लिम पक्ष की याचिका, फ़ौरन सुनवाई और सुप्रीम कोर्ट ने संभल में कुआँ पूजन पर लगा दी रोक..!

मुस्लिम पक्ष की याचिका, फ़ौरन सुनवाई और सुप्रीम कोर्ट ने संभल में कुआँ पूजन पर लगा दी रोक..!
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संभल : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही मस्जिद के पास के एक सार्वजनिक कुएं को लेकर विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह कुआं सार्वजनिक है, इसलिए इसे सभी लोगों के लिए खुला रखा जाना चाहिए। साथ ही, अदालत ने इस कुएं पर पूजा करने की अनुमति देने वाले नगरपालिका के नोटिस पर रोक लगा दी है, जिसमें इसे 'हरी मंदिर' बताया गया था। इस मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी, और यूपी सरकार को दो हफ्ते में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

संभल नगरपालिका ने हाल ही में इलाके के सभी कुओं की पहचान कर वहां पूजा करने की अनुमति देने का कदम उठाया था। इसी दौरान शाही मस्जिद के पास स्थित एक कुएं को लेकर विवाद खड़ा हो गया। मुस्लिम पक्ष ने इस कुएं को मस्जिद का हिस्सा बताते हुए दावा किया कि इसका उपयोग नमाज और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए पानी लेने के उद्देश्य से किया जाता है। वहीं, यूपी सरकार ने इस कुएं को सार्वजनिक संपत्ति करार देते हुए कहा कि इसका उपयोग सभी नागरिक कर सकते हैं।  

मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करते हुए कहा कि इस कुएं पर पूजा की इजाजत देना मस्जिद के अधिकारों का उल्लंघन है और इससे सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है। उन्होंने अदालत से यथास्थिति बनाए रखने की मांग की। मामले की सुनवाई के दौरान, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने कहा कि यदि यह कुआं सार्वजनिक है, तो इसे सभी के लिए खुला रखा जाना चाहिए। चीफ जस्टिस ने सुझाव दिया कि स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए इस क्षेत्र में CCTV कैमरे लगाए जाएं। मुस्लिम पक्ष ने अदालत को बताया कि यह कुआं फिलहाल बंद है और उनका समुदाय मस्जिद में पानी के लिए पंप का उपयोग कर रहा है।  

यूपी सरकार ने अदालत में दलील दी कि यह सार्वजनिक कुआं है और मुस्लिम पक्ष इसे लेकर बेवजह विवाद खड़ा कर रहा है, जिससे क्षेत्र में माहौल बिगड़ सकता है। मुस्लिम पक्ष ने इस मुद्दे को लेकर यूपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार धार्मिक भावनाओं को भड़काकर समुदायों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है। वहीं, यूपी सरकार ने जवाब दिया कि प्रशासन क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए काम कर रहा है और किसी भी प्रकार के माहौल बिगाड़ने की जिम्मेदारी मुस्लिम पक्ष की है।  

सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कुएं पर पूजा की अनुमति देने वाले नोटिस पर रोक लगा दी है और यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस मामले की पूरी रिपोर्ट दो हफ्तों के भीतर अदालत में पेश करे। इसके साथ ही अदालत ने यह स्पष्ट किया है कि इस सार्वजनिक कुएं का उपयोग सभी लोग कर सकते हैं। मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी। अब यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश से इस विवाद का समाधान कैसे निकलता है और क्षेत्र में शांति कैसे बहाल होती है। 

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