नई दिल्ली: हिजाब पर प्रतिबंध मामले में सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई जारी है। अब सोमवार को मुस्लिम पक्ष ने अपने सुर बदले हैं तथा कहा है कि हिजाब की आवश्यकता को कुरान की जगह महिला के अधिकार के तौर पर देखा जाना चाहिए। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी अधिवक्ता से बदलते तर्कों पर जवाब मांगा है। इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने हिजाब को इस्लाम में आवश्यक बताया था।
सोमवार को मुस्लिम पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ताओं यूसुफ एच मुछाला और सलमान खुर्शीद ने कहा कि अदालत अरबी भाषा में कुशल नहीं है, जिसके चलते वह कुरान की व्याख्या नहीं कर सकता। उन्होंने तर्क दिया कि कोर्ट की तरफ से हिजाब को महिला के निजता, सम्मान और पहचान सुरक्षित रखने के अधिकार के तौर पर देखा जाना चाहिए। जस्टिस हेमंत गुप्ता एवं जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने मामले की सुनवाई की थी। बुधवार को भी हिजाब मामले पर सुनवाई जारी रहेगी।
वही इससे पहले पक्ष ने कहा था कि हिजाब इस्लाम में आवश्यक है। अब इस्लाम में हिजाब की आवश्यकता की जांच नहीं चाह रहे अधिवक्ता मुछाला ने कहा, 'निजता मतबल शरीर और दिमाग पर खुद का अधिकार है। अंतरात्मा का अधिकार और धर्म का अधिकार कॉम्प्लिमेंट्री हैं। ऐसे में जब मुस्लिम महिला यदि हिजाब पहनना चाहती है, तो यह उसके सम्मान तथा निजता को सुरक्षित करने के साथ-साथ सशक्त महसूस कराने वाला पसंद का कपड़ा है।' खुर्शीद का भी कहना है कि मुस्लिम महिला का हिजाब पहनना उसके धार्मिक विश्वास, अंतरात्मा की आवाज, संस्कृति के रूप में जरूरी या पहचान, सम्मान एवं निजता बचाने रखने की व्यक्तिगत सोच हो सकती है। उन्होंने कहा, 'भारत जैसे सांस्कृतिक विविधता वाले देश में सांस्कृतिक प्रथाओं का सम्मान करने की आवश्यकता है। मुस्लिम महिलाएं यूनिफॉर्म पहनने के नियम से मना नहीं करना चाहती। वे अपनी सांस्कृतिक आवश्यकता एवं निजी पसंद के सम्मान में स्कार्फ के रूप में एक अतिरिक्त कपड़ा पहनना चाहती हैं।' सुप्रीम कोर्ट ने मुछाला से उनकी अलग-अलग बातों को लेकर सफाई की मांग की है। अदालत के मुताबिक, 'पहले आपने इस बात पर जोर दिया कि हिजाब धार्मिक अधिकार है। अब आप तर्क दे रहे हैं कि हिजाब धर्म के लिए आवश्यक है या नहीं, इस बात का फैसला करने के लिए अदालत को कुरान की व्याख्या नहीं करनी चाहिए। आप तर्क दे रहे हैं कि मामले को 9 जजों की बेंच को यह पता करने के लिए भेजा जाना चाहिए कि यह काम आवश्यक है या नहीं।'
'फ्री बिजली' पर आया नया नियम, आवेदन किए बिना नहीं मिलेगी सब्सिडी