काबुल: अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार ने महिलाओं के ईद के त्योहार में शामिल होने पर भी पाबन्दी लगा दी है। रिपोर्टों के मुताबिक, तालिबानी सरकार ने देश के बगलान और तखर प्रान्तों में महिलाओं के घर से निकलने पर रोक लगा दी। पाबंदी लगाए जाने की वजह पुरुषों के साथ मेल जोल और हिजाब न पहनना बताया गया है।
In a new decree on the occasion of the upcoming Eid, the Taliban have ordered that #women are not allowed to travel or walk outside during the days of Eid.
— Natiq Malikzada (@natiqmalikzada) April 19, 2023
The decree also states that it is mandatory to mention Hibatullah Akhundzada's name in Eid prayers. #Afghanistan pic.twitter.com/Ycq8fMZXzq
अफगानिस्तान की ‘खामा प्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के बगलान और तखर में महिलाओं के लिए कड़े आदेश जारी किए गए थे। इस आदेश के मुताबिक, ईद-उल-फितर के दिन महिलाओं के समुह में बाहर निकलने पर रोक थी। आदेश में यह भी कहा गया कि ईद की नमाज में तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा के लिए दुआ करना अनिवार्य है। सरकार की तरफ से जारी फरमान की कॉपी को नातीक मलिकजादा नाम के एक फ्रीलांस पत्रकार ने ट्विटर पर साझा किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबानी हुकूमत ने अप्रैल की शुरुआत में अफगानिस्तान के हेरात में परिवारों और महिलाओं को बगीचों या बाहरी स्थानों पर भोजन करने से इंकार कर दिया था। अधिकारियों के अनुसार, तालिबान द्वारा लगाए जा रहे इन प्रतिबंधों का कारण महिलाओं और पुरुषों का मेल जोल और महिलाओं का हिजाब न पहनना है।
वर्ष 2021 में तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुआ था। इसके बाद से ही देश में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन आरम्भ हो गया। पूरे विश्व में निंदा के बावजूद अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार आए दिन महिलाओं के खिलाफ नए-नए प्रतिबंधों वाले आदेश जारी करती रहती है। अफगानिस्तान में छठी कक्षा के बाद लड़कियों की उच्च शिक्षा पर भी बैन लगा हुआ है।
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