वाॅशिंगटन। व्हाइट हाउस की पूर्व कर्मचारी रूमाना अहमद ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल संभालने के 8 दिन में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने कहा कि जिस तरह से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मुस्लिम विरोधी नीतियां अपना रहे हैं और इस्लामिक देशों में कुछ देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश को प्रतिबंधित करने का निर्णय ट्रंप ने लिया था उससे यहां पर उनकी परेशानी बढ़ गई है।
रूमाना अहमद ने कहा है कि वर्ष 2011 में नियुक्ति मिली थी। और वे नेशनल सिक्युरिटी काउंसिल में कार्य किया करती थीं। द अटलांटिक समाचार के आर्टिकल में रूमाना ने लिखा कि उनकी नौकरी का उद्देश्य था उनके देश के सिद्धांतों की सुरक्षा की जाए और इसे बढ़ाया जाएं उन्होंने कहा कि जब वे काम करती थीं तो वह ऐसी अकेली महिला थी जो कि वेस्ट विंग में हिजाब पहनती थी।
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन ने उनका स्वागत किया। इस दौरान उन्हें शामिल कर दिया गया। हालांकि उन्हें यह लगा कि वे काम करती रहेंगी मगर फिर जब इस्लामिक देशों के लोगों का प्रवेश अमेरिका में प्रतिबंधित किया गया तो फिर उन्होंने जाॅब छोड़ दिया। जब उनसे किसी ने नहीं पूछा कि वे नौकरी क्यों छोड़ रही हैं तो उन्हें आश्चर्य हुआ। उनका कहना था कि ट्रंप के निर्णय से अमेरिकन मुस्लिम कम्युनिटी में घबराहट है। गौरतलब है कि रूमाना बांग्लादेशी मूल की मुस्लिम महिला है।
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