नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव में तीसरे चरण का मतदान जारी है. इस चरण में उत्तर प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. इस चरण में उत्तर प्रदेश की यादव और मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर मतदान हो रहा है. यानी इस चरण में मुस्लिम+यादव (M+Y) समीकरण की परीक्षा हो रही है. आइए इस चरण की लोकसभा सीटों पर एक निगाह डालते हैं और MY समीकरण को समझने का प्रयास करते हैं.
तीसरे चरण की 10 लोकसभा सीटों में पांच सीटें ऐसी हैं जहां यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार का वर्चस्व रहा है. इसके साथ ही इन पांच लोकसभा सीटें मैनपुरी, फिरोजाबाद, एटा, बदायूं और संभल में यादव मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद है. इन सीटों पर यादव मतदाताओं के साथ ही मुस्लिमों के वोट जुड़ने के बाद ये आंकड़ा निर्णायक हो जाता है. इतना ही नहीं इस दफा महागठबंधन में बसपा सुप्रीमो मायावती के भी शामिल होने के बाद कागजों पर लगभग एक तिहाई वोट महागठबंधन के समर्थन में दिखते हैं.
गत तीन दशक में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव यूपी में यादवों के सबसे बड़े नेता रहे हैं. बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव इस बार अंतिम बार लोकसभा चुनाव के संग्राम में उतरे हैं. वे मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में एनडीए के सामने कड़ी चुनौती है कि वो यादव बाहुल्य क्षेत्रों में मुलायम सिंह यादव के चेहरे से कैसे पार पाएं.
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