नई दिल्ली: विवेक अग्निहोत्री की मूवी ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर एक गिरोह पूरी ताकत के साथ दुष्प्रचार करने में लगा हुआ है। इसमें से एक आरोप इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का भी लगाया जा रहा है। किन्तु, इसी बीच कश्मीर से एक ऐसी आवाज उठी है, जिसमें कहा गया है कि मुस्लिमों को नरसंहार के लिए कश्मीरी पंडितों से हाथ जोड़कर सार्वजनिक रूप से माफी माँगनी चाहिए और ये आवाज़ है जावेद बेग की। उन्होंने यह भी कबूल किया है कि उनके अब्बा की पीढ़ियों ने गलती की थी।
I am Kashmiri Muslim.Our Pundit sister Girja Tikoo was cut into pieces, while she was alive by militants from Kashmiri Muslim families who had guns from Pakistan in their hands, all in name of "Azadi".This is FACT & not propaganda.I fold my hands and apologize to Pundit biradari pic.twitter.com/3muXcIzVCh
— Javed Beigh (@Javedbeigh) March 15, 2022
जावेद बेग ने अपने एक ट्वीट में गिरिजा टिक्कू की विचलित कर देने वाली तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है कि, 'मैं एक कश्मीरी मुस्लिम हूँ। हमारी पंडित बहन गिरिजा टिक्कू को कश्मीरी मुस्लिम परिवारों के आतंकियों ने टुकड़ों में काट डाला था, जबकि वह जिंदा थीं। इन आतंकियों के पास ‘आजादी’ के नाम पर पाकिस्तानी बंदूकें थीं। यह कोई प्रोपेगेंडा नहीं, बल्कि सच्चाई है। मैं हाथ जोड़कर पंडित बिरादरी से उस अत्याचार के लिए माफी माँगता हूँ।' जावेद बेग ने इस मुद्दे पर न्यूज चैनल Ann News Kashmir के साथ अपनी बातचीत का एक वीडियो भी साझा किया है।
Dear Friends
— Javed Beigh (@Javedbeigh) March 16, 2022
I am sharing video of my opinion that I expressed in Hindi on @AnnNewsKashmir on #TheKashmirFiles movie, brutal murder of our Kashmiri Pundit sister Girija Tikoo & unfortunate tragedy of forced exodus of our Kashmiri Pundit biradari. Sangrampora Beerwah Massacre ???? pic.twitter.com/LKcw8yXemz
इस वीडियो में वे कहते हैं कि, 'जिन लोगों ने उन्हें मारा, वे कहाँ के थे? वे हमारे ही घरों के लोग थे। कश्मीरी पंडित कोई गैर नहीं हैं। ये हमारी कौम है, हमारा खून है, हमारी नस्ल है। यहाँ तो जानवर भी अपनी नस्ल के जानवर को भी नहीं मारते हैं। शेर कभी शेर का शिकार नहीं करता है। कुत्ते कभी कुत्ते को नहीं काटते हैं। कम से कम आज तो हमें गैरत होना चाहिए।' जावेद बेग कहते हैं कि, 'मैं खुद एक हत्याकांड का प्रत्यक्षदर्शी हूँ। बीरवा के जिस इलाके से मैं ताल्लुक रखता हूँ, वहां 1997 के 21 मार्च को पहली सामूहिक हत्या हुई थी, वो बीरवा में ही हुई थी। इसमें दर्जनों कश्मीरी पंडितों की हत्या की गई। मैंने अपनी आंखों से देखा है। उसमें मारे जाने वाले लोग न तो किसी की ‘आजादी’ रोक रहे थे और न ही किसी कश्मीरी मुसलमान को मार रहे थे। निहत्थे लोग थे। उसमें इलाके के एक इज्जतदार हेडमास्टर और मेरे जैसा एक नौजवान था। वह हत्याकांड नहीं है तो क्या है?'
Kashmiri Muslim activist @Javedbeigh says Kashmiri Muslims should confess to their crime of genocide of Kashmiri Pandits and publicly apologise. Javed is witness to 1997 massacre of Kashmiri Hindus. Collective apology for crimes against humanity need of the hour. #TheKashmirFiles pic.twitter.com/5fX30idD2e
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 16, 2022
जावेद बेग ने कहा कि, 'जो गलतियाँ हमारे वालिद की पीढ़ियों ने किया है, उसे एक पढ़े-लिखे युवक के रूप में मुझे स्वीकार करना है कि वो गलतियाँ हुई हैं। वो गुनाह हुए हैं और उसके लिए हमें हाथ जोड़कर सार्वजनिक रूप से, सामूहिक रूप से कश्मीरी पंडितों से माफी माँगनी चाहिए। इसके लिए मूवी की आवश्यकता नहीं है।' उनके इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कश्मीरी पंडित पत्रकार आदित्य राज कौल ने लिखा है कि, “कश्मीरी मुस्लिम कार्यकर्ता जावेद बेग कहते है कि कश्मीरी मुस्लिमों को कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के अपने अपराध को स्वीकार करना चाहिए और सार्वजनिक तौर पर माफी माँगनी चाहिए। जावेद 1997 में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के चश्मदीद गवाह हैं। मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए सामूहिक माफी, वक़्त की जरूरत है।'
Truth remains truth even if nobody speaking it . A lie is always a lie even if everybody speaking it. I am witness to Kashmiri's first Massacre of KP's which was unfortunately carried out at Sangrampora Beerwah, my Hometown in 21st March,1997 ( Nourooz Day )
— Javed Beigh (@Javedbeigh) March 16, 2022
I feel sad n sorry ???? https://t.co/AAX3i9wFlH
इसका जवाब देते हुए जावेद लिखते हैं कि, 'सच हमेशा सच ही रहता है, भले ही कोई उसे न बोले। झूठ हमेशा झूठ ही होता है, भले ही सब उसे बोल रहे हों। मैं कश्मीरी पंडित के नरसंहार का चश्मदीद गवाह हूँ, जो दुर्भाग्य से 21 मार्च, 1997 (नौरोज़ दिवस) में मेरे गृहनगर संग्रामपोरा बीरवा में किया गया था। मुझे इसके लिए दुख और खेद है।' बेग के ट्विटर हैंडल के अनुसार, वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (PDF) के महासचिव हैं। वह कश्मीरी लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।
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