लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में एक हजार वर्ष प्राचीन कालिका माता मंदिर का रास्ता खुलवाने के लिए निषाद समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से गुजारिश की है। दरअसल, मंदिर के पास ही मजार स्थित है और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दीवार बनाकर मंदिर जाने का रास्ता बंद कर दिया है। इतना ही नहीं, मंदिर में स्थापित काली माता की चाँदी की प्रतिमा भी गायब है। अंबेडकरनगर के कटका थाने के अंतर्गत आने वाले भियांव गाँव में तक़रीबन हजार वर्ष प्राचीन कालिका माता का मंदिर स्थित है। इसी के पास सूफी संत मीर शाह की मजार भी है।
#अंबेडकरनगर : अति प्राचीन कालिका देवी मंदिर के रास्ते को खुलवाने के लिए निषादों के साथ एक प्रतिनिधिमंडल केशव प्रसाद मौर्य @kpmaurya1 को ज्ञापन सौंपकर अविलंब रास्ता खाली कराने की मांग की है। कटका थाने के भियांव गांव में लगभग हजार वर्ष पुराना श्री कालिका देवी मंदिर है। pic.twitter.com/UIbKqLCQt4
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) August 11, 2021
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दीवार बनाकर मंदिर तक आने-जाने का रास्ता बंद कर दिया था और ईंटों से मंदिर के मुख्य द्वार की चुनाई करके मंदिर के भीतर जाने पर भी रोक लगा दी थी। यही वजह है कि मंदिर जाने वाले भक्त दूर से ही माता के दर्शन करके वापस लौट आते हैं। यहाँ रहने वाली एक बुजुर्ग महिला बताती हैं कि माता की चाँदी की मूर्ति को भी साजिश के तहत गायब किया गया है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि सदियों से इस मंदिर में माता कालिका को कड़ाही देने के साथ धार और लौंग अर्पित करने की परंपरा रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने देवी मंदिर को अपने नियंत्रण में ले रखा है और लोग उनका विरोध भी नहीं कर पा रहे हैं।
बता दें कि यहाँ रहने वाले निषाद, माता कालिका को अपनी कुलदेवी मानते हैं। यह क्षेत्र राजभरों और निषादों की संयुक्त छावनी हुआ करता था। अब निषादों का ही एक प्रतिनिधिमंडल यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पास पहुँचा और उन्हें मंदिर का रास्ता खुलवाने के लिए ज्ञापन सौंपा। डिप्टी सीएम मौर्य ने भी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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