पटना: बिहार सरकार के मंत्री तथा भाजपा नेता नीरज कुमार सिंह बबलू ने कहा है कि जाति आधारित जनगणना में बिहार में अवैध तौर पर रहने वाले रोहिंग्या एवं बांग्लादेशी मुसलमानों की भी गणना होनी चाहिए। नीरज कुमार सिंह बबलू का तर्क है कि बीते कुछ वर्षों में बिहार में मुस्लिम आबादी बहुत रफ़्तार से बढ़ी है तथा ऐसे में जाति आधारित जनगणना से साफ़ हो जाएगा कि बिहार में मुसलमान आबादी किस गति से बढ़ रही है।
वही इससे पहले केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने मांग उठाई है कि बिहार में अवैध तौर पर रहने वाले रोहिंग्या एवं बांग्लादेशी मुसलमानों की गणना जाति आधारित जनगणना के चलते नहीं होनी चाहिए। बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने कहा है कि जाति आधारित जनगणना से साफ़ हो जाएगा कि किस समाज के लोगों की कितनी जनसंख्या बढ़ी है, विशेष तौर पर अल्पसंख्यक समाज की। बिहार में जो घुसपैठिए रहते हैं चाहे वह रोहिंग्या मुसलमान हो या फिर बांग्लादेशी। ये सभी चाहे वैध तौर पर रह रहे हो या फिर अवैध तौर पर, उनकी भी गिनती होनी चाहिए।
बबलू ने अल्पसंख्यकों पर हमला बोलते हुए आशंका व्यक्त की कि ऐसे भी कई मुस्लिम समाज के लोग हैं जो 3-3 पत्नियां रखते हैं या फिर उनके 15 से 20 बच्चे होते हैं तथा यह संख्या छुपाने के लिए वह गणना नहीं करवाना चाहते हैं यदि वह चाहते हैं कि जाति आधारित जनगणना के समय एक-एक व्यक्ति की गणना होनी चाहिए। नीरज बबलू ने कहा कि बिहार में कई ऐसे भी व्यक्ति रहते हैं जो जब गिनती आरम्भ होती है तो वह गिनती छुपाते हैं। कई लोगों के 3-3 पत्नियां तथा 15-20 बच्चे होते हैं जिसकी वह गणना नहीं कराना चाहते हैं। मैं चाहता हूं कि इस एक शख्स की गणना होनी चाहिए जिससे यह स्पष्ट हो जाएगी अल्पसंख्यक समाज की आबादी कितनी तेजी से बिहार में बढ़ी है।
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