दिल्ली से सटे गाजियाबाद के मोदीनगर से इंसानियत की दिल जीतने वाली फोटोज देखने को मिली है। जब एक हिंदू महिला की मौत के उपरांत अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोग भी नहीं थे, तो स्थानीय मुस्लिम संस्था के युवकों ने मिलकर हिंदू रीति रिवाज से महिला का अंतिम संस्कार किया। इस बीच हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश कर चुके है।
गाजियाबाद के मोदीनगर थाना क्षेत्र में कोविड संकट के इस बदलते वक़्त में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की फोटोज देखने को मिली है। यहां बेगमाबाद क्षेत्र में किराने की दुकान चलाने वाले अशोक कंसल की पत्नी ममता कंसल (55) का लंबी बीमारी के उपरांत जान चली गई। लेकिन कोरोना के इस बुरे हालतों के चलते परिवार के अन्य रिश्तेदारों की गैरमौजूदगी में महिला के अंतिम संस्कार में मुसीबत खड़ी हो गई। ऐसे हालतों में पड़ोस के किदवई नगर के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी की। साथ ही उसका हिंदू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार पूरा करवाया।
भाईचारे की एक मिसाल कायम: जंहा इस बात का पता चला है कि अंतिम संस्कार कराने में सहयोग कराने वाले मोदीनगर के किदवई नगर की मुस्लिम सामाजिक संस्था टीम खादिम के सदस्य नौशाद हवारी ने कहा कि उनके मोहल्ले के पास परचून की दुकान चलाने वाले लाला जी की पत्नी का बीमारी के चलते मौत हो चुकी है। इसके उपरांत आसपास के सभी हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार पूरा कराया है। जिसमें सभी मुस्लिम साथियों ने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की एक मिसाल बना दी है।
एक स्थानीय मुस्लिम निवासी का कहना है कि आज जिस तरीके से मुस्लिम समुदाय ने अंतिम संस्कार में मदद किया है, उससे भाईचारे की एक मिसाल बनते जा रहे है। वह चाहते हैं कि यह भाईचारा हमेशा बना रहना चाहिए। आज इस काम के लिए वह सभी मुस्लिम भाइयों का शुक्रिया अदा करते हैं।
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